पटना : देश की सियासत में राजनीतिक हलचल तेज होने लगी है और इसी कड़ी में नीतीश कुमार की भूमिका भी महत्वाकांक्षी होती जा रही है, जो लगातार 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने में देश भर का दौरा कर रहे हैं. अब नीतीश कुमार सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद दिल्ली पहुंचे. यहां पर वह अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात करेंगे.
खबर है कि रविवार को दिल्ली में नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुलाक़ात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाक़ात बताई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात में ये तय हो सकता है कि बिहार में विपक्षी एकता को लेकर जो बैठक की चर्चा हो रही है, जिसकी शुरुआत ममता बनर्जी ने की थी. उसके लिए तिथि तय करने को लेकर बात बन सकती है. नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ साथ मंत्री संजय झा भी हैं.
दरअसल, बंगाल में ममता बनर्जी से मुलाक़ात के दौरान नीतीश कुमार से ममता बनर्जी ने आग्रह किया था कि पटना में बीजेपी विरोधी तमाम राजनीतिक पार्टियों कि बैठक बुलाई जाए और नीतीश जी ख़ुद पहल करें. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाक़ात के दौरान इस बिंदु पर बातें तय हो सकती हैं. वहीं, इस पर भी चर्चा होने कि संभावना है कि आने वाले समय में कौन कौन से दल से बातचीत हो सकती है, जो बीजेपी विरोधी कैंप में शामिल हो सकते है.
इस मुलाक़ात को इस मायने में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह से कई दिग्गज नेता अनुपस्थित थे, जिसे लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है. क्योंकि इसमें से कुछ नेताओ से नीतीश कुमार ने मुलाक़ात भी की थी. इसके अलावा खबर ये भी है की नीतीश कुमार दिल्ली में वाम दल के नेताओ से भी मुलाक़ात करेंगे.
बीजेपी विरोधी पार्टियों की एकजुटता को लेकर नीतीश कुमार जो क़वायद कर रहे है, कांग्रेस के रुख़ से फ़िलहाल कुछ समस्या खड़ी होती दिख रही है. क्योंकि कांग्रेस ने कई महत्वपूर्ण नेताओं को बुलावा नहीं भेजा था. कई बुलावे के बाद भी शामिल नहीं हुए और यही वजह आने वाले समय में बीजेपी विरोधी एकता को प्रभावित कर सकती है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शपथ ग्रहण समारोह में देश के प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने की पहल की थी, लेकिन इस समारोह में बसपा प्रमुख मायावती, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और बीजद के नवीन पटनायक के नहीं आने की चर्चा खूब रही. बीआरएस के के.चंद्रशेखर राव और वाईएसआर के जगन मोहन रेड्डी और केरल के मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी से विपक्षी एकता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.