दिल्ली/रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव एप सट्टा घोटाले में छत्तीसगढ़ कैडर के आधा दर्जन से ज्यादा IPS अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए राज्य के EOW को शिकायती पत्र भेजा है. इस पत्र में महादेव एप के संचालन में IPS अधिकारियों की सहभागिता का काला चिट्ठा भी सौंपा गया है. ईडी ने अपनी तफतीश में वरिष्ट पुलिस अधीक्षको और रेंज IG की अवैध वसूली वाली आपराधिक गतिविधियों का ब्यौरा भी EOW को सौंपा है. नामजद FIR दर्ज होने के चलते पुलिस मुख्यालय में हड़कंप है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि जिन अधिकारियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करने के लिए बतौर आरोपी निर्देशित किया गया है। उसमें 2005 बैच के IPS अधिकारी शेख़ आरिफ और 2001 बैच के आनंद छाबड़ा का नाम भी शामिल है.

इसके अलावा रायपुर और दुर्ग के तत्कालीन SSP प्रशांत अग्रवाल और अभिषेक पल्लव दुर्ग के तत्कालीन ASP और रेंज IG का नाम भी बतौर आरोपी दर्ज कराने के लिए सिफारिश की गई है. सूत्र यह भी बताते हैं कि लगभग आधा दर्जन राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारियों को भी आरोपी बनाने के लिए निर्देशित किया गया है.

इसमें ASP संजय ध्रुव और ASP अभिषेक माहेश्वरी समेत 4 थानेदार भी शामिल हैं. बताया जाता है कि आरोपी बनाए जा रहे सभी अधिकारियों को महादेव एप के संचालन में सहयोग करने के एवज में प्रतिमाह लाखों की नगदी मिलती थी. उन्हे यह रकम सब-इंस्पेक्टर चंद्रभूषण वर्मा के हाथों सौंपी जाती थी। यह भी बताया गया है कि महादेव एप और IPS अधिकारियों के बीच लेनदेन का जिम्मा चंद्रभूषण वर्मा को ही सौंपा गया था. वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी उपसचिव सौम्या चौरसिया को भी मोटी रकम दिया करता था.

सूत्र यह भी बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए भी एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. लेकिन EOW की विवेचना के दौरान गवाहों और आरोपियों से पूछताछ के बाद ही साफ होगा की इस FIR में बघेल का नाम और काम आखिर किस तरह से सामने आएगा। करीब 6 हजार करोड़ के महादेव एप घोटाले में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही थी.

खाकी वर्दी पहने सिपाही से लेकर आला अधिकारी नागरिकों की जान माल की रक्षा करने के बजाय सिर्फ सट्टा खिला रहे थे. इसके लिए पुलिस सिस्टम में भ्रष्टाचार का बोलबाला था.पुलिस मुख्यालय भी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ समय रहते वैधानिक कदम उठाने के बजाय महादेव एप के घोटालेबाज़ों को संरक्षण प्रदान करने में जुटा था. दुर्ग के तात्कालीन SSP अभिषेक पल्लव ने तो मुनादी कर घोटालेबाजों को थाने बुलाया और सट्टा एक्ट में मामूली कारवाई कर थाने से ही छोड़ दिया था.

इसमें 1 सैकड़ा से ज्यादा घोटालेबाज सस्ते में छूट गए थे. सूत्र बताते हैं कि ईडी के पत्र में IPS अधिकारियों की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। बताया जाता है कि दागी अधिकारियों ने अपने खिलाफ नामजद FIR ना होने देने के लिए EOW पर भारी दबाव बनाया हुआ है. अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए उपकृत करने वाले नेता और अधिकारियों के लिए फंड की व्यवस्था भी की गई है.

यही नही सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बीजेपी सरकार के खेमे में सेंधमारी की है,ताकि उनके विश्वासपात्र IPS अधिकारियों की नौकरी बचाई जा सके. बताते हैं कि 2 IPS अधिकारी तजदीक कर रहे हैं कि महादेव एप के संचालन के निर्देश मुख्यमंत्री कार्यालय और सरकारी सलाहकार विनोद वर्मा से ही प्राप्त होते थे.इन अधिकारियों के इरादे भांपते ही बघेल खेमा सक्रिय हो गया है.

बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी है, उसमें अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए अधिकारियों को तत्काल रुप से सेवा से पृथक किए जाने का कानूनी कदम उठाने के लिए कहा गया है. बताते हैं कि IPS अधिकारियों के खिलाफ यदि FIR दर्ज होती है तो उन्हें नौकरी से बाहर करने का रास्ता साफ हो जाएगा.

यह भी बताया जा रहा है कि दागी अधिकारियों ने अपने नाते-रिश्तेदारों से लेकर नौकरों और परिचितों के नाम से भी बेनामी जमीनों की खरीद फरोख्त की है. इसमें काले धन का भरपूर उपयोग किया गया है। विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया था कि राज्य में बीजेपी सरकार बनते ही भ्रष्ट अधिकारियों को ठिकाने लगाया जायेगा.मोदी गारंटी से प्रदेश में भ्रष्टाचार के खात्मे की ओर सरकार के बढ़ते कदमों से कांग्रेसी नेताओं की सांसे फुली हुई है।

बताया जाता है कि दागी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के लिए ईडी लंबे समय से प्रयासरत थी, लेकिन राज्य में भू-पे सरकार के संरक्षण के चलते EOW और PHQ ने आरोपियों के प्रति काफी सुस्ती और नरमी दिखाई थी. लेकिन अब बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार आरोपियों के प्रति नरम रवैया अपनाएगी? इसकी आशंका नई के बराबर जताई जा रही है.मुख्यमंत्री साय ऐलान कर चुके हैं कि भ्रष्टाचारियों को उनकी सरकार पूरी तरह से जड़ से उखाड़ देगी. लिहाजा माना जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के लिए मुख्यमंत्री की हरी झंडी EOW को जल्द मिलने के आसार हैं।