बिलासपुर। अपने वेतन से पैसे जमाकर बेटी की शादी के लिए जेवर इकट्ठा कर रखे रेलवे गार्ड की पत्नी ने जेवर गिरवी रख बिना बताएं 11—12 लाख रूपए का लोन लेकर मायके चली गई। दरअसल उसकी पत्नी 2011 में पति से अलग हुई और उसकी जानकारी के बगैर पूरे जेवरात गिरवी रखकर बाजार से 10-12 लाख रुपए का लोन ले लिया। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने इसे पति के साथ क्रूरता माना। अदालत ने तलाक की डिक्री भी मंजूर कर ली है।
बिलासपुर में एसईसीआर में गार्ड एस राजू की शादी 31 जनवरी 1986 को शहडोल की एस. रानी के साथ हुई थी। शादी के बाद उनके एक बेटा और एक बेटी हुई। पत्नी 2011 में अपने मायके चली गई। कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक पति ने पत्नी को वापस लाने का प्रयास किया, बेटे और बेटी को भेजा, लेकिन वह वापस नहीं आई। इस बीच पति को पता चला कि पत्नी ने बगैर जानकारी दिए बेटी की शादी के लिए सालों तक इकट्ठा किए गए जेवरात को बाजार में गिरवी रखकर 10-12 लाख रुपए का लोन ले लिया है। इसके बाद पति ने बिलासपुर के फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह-विच्छेद के लिए आवेदन दिया।
कोर्ट ने आवेदन को 6 जुलाई 2017 को खारिज कर दिया। इसके बाद पति ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला ने पति पर प्रताड़ित करने और पड़ोस में रहने वाली एक महिला डॉक्टर के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया, लेकिन इसे साबित नहीं कर सकी। वहीं, पति ने बताया कि उसने अपने वेतन से सालों तक पैसे इकट्ठा किए और बेटी की शादी के लिए जेवरात खरीदे थे। पत्नी ने जानकारी दिए बगैर सभी जेवरात को बाजार में गिरवी रखकर 11-12 लाख रुपए का लोन ले लिया।