सरकार ने क्यों कहा सुरक्षित नहीं है जूम एप, जानें वो 8 कारण जो Zoom एप को बनाते हैं खतरनाक

0
8

दिल्ली  वेब डेस्क / Zoom वीडियो कॉन्फ्रेंस एप की सिक्योरिटी को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ है। खुद जूम के सीईओ ने भी स्वीकार किया है कि जूम एप में सिक्योरिटी को लेकर खामियां हैं। जूम के सीईओ एरिक एस युआन ने कुछ दिन पहले अपने एक ब्लॉग में कहा था कि कंपनी मामले की जांच कर रही है और अगले 90 दिनों में सिक्योरिटी के मसले को हल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2019 में जूम के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 10 मिलियन यानी एक करोड़ थी जो मार्च 2020 में 200 मिलियन यानी 20 करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के 20 देशों के 90,000 से अधिक स्कूल भी जूम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और राष्ट्रीय साइबर-सुरक्षा एजेंसी ने कुछ दिन पहले जूम की सिक्योरिटी को लेकर लोगों को आगाह किया था और कहा था कि जूम एप साइबर हमलों का जरिया बन सकता है। इस एप के जरिए साइबर अपराधी सरकारी और निजी कार्यालयों से डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। सीईआरटी ने कहा है कि जूम एप के साथ डाटा लीक का खतरा है।

आमतौर पर किसी भी चैटिंग एप और वीडियो कॉलिंग एप में एंड टू एंड एंक्रिप्शन होता है। ऐसे में लोगों का डाटा सिर्फ भेजने और प्राप्त करने वाले के बीच रहता है, लेकिन जूम एप के साथ ऐसा नहीं है, क्योंकि जूम एंक्रिप्टेड नहीं है। सुझाव के तौर पर एजेंसी ने कहा है कि जूम एप के इस्तेमाल से पहले एप को अप-टू-डेट रखें और मजबूत पासवर्ड रखें। इसके अलावा एप में वेटिंग फीचर को ऑन रखें ताकि मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों पर कंट्रोल बना रहे। वहीं अब गृह मंत्रालय ने भी जूम एप को इस्तेमाल करने से मना किया है। सरकार ने कहा है कि जूम एप के जरिए अनाधिकृत लोग कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं औऱ आपकी निजी मीटिंग सार्वजनिक हो सकती है।

जानें वो 8 कारण जो Zoom को बनाते हैं खतरनाक

1.      Zoom कॉन्फ्रेंसेज को हैक किया जा सकता है। हाल ही में ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (BARC) की मीटिंग को बीच में ही रोक दिया गया था। क्योंकि कुछ हैकर्स ने ऐप की चैट विंडो का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था।

2.      आधिकारिक Zoom मीटिंग के पार्टिसिपेंट्स उसमें मौजूद दूसरों के टर्मिनल्स पर मालीशस गतिविधि कर सकते हैं।

3.      Cert-In ने बताया था कि Zoom के जरिए साइबर क्रिमिनल्स यूजर की निजी जानकारी चुरा सकते हैं।

4.      अगर Zoom आप का इस्तेमाल ठीक से न किया जाए तो कोई भी व्यक्ति उस मीटिंग में बिना आपकी मर्जी के ज्वाइन कर सकता है।

5.      Zoom ऐप को लेकर यह खबर भी सामने आई थी कि यूजर्स के निजी ईमेल्स और फोटोज भी लीक किए जा रहे हैं। यह खामी कंपनी डायरेक्ट्री सेंटिंग में थी जिसके जरिए इमेल्स और फोटोज लीक किए जा रहे थे।

6.      MHA एडवाजरी में यह संकेत दिए गए थे की Zoom को डेनियल-ऑफ-सर्विस (DoS) अटैक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये एक तरह के साइबर अटैक्स ही होते हैं।

7.      Zoom ने कहा था कि उसके प्लेटफॉर्म पर की जाने वाली कोई भी मीटिंग एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड नहीं होती है। ऐसे में वीडियो कॉल को किसी थर्ड पार्टी द्वारा डिक्रिप्ट किया जा सकता है।

8.      अगर आपको Zoom ऐप का इस्तेमाल करना सही से नहीं आता है तो आपका निजी डाटा रिकॉर्डिंग के जरिए लीक हो सकता है।