मिलिए छत्तीसगढ़ के दाऊद इब्राहिम से, रिंकू खनूजा को ठिकाने लगाने के बाद आखिर क्यों बेफ्रिक हो गया उद्योगपति सुरेश गोयल ? सेक्स सीडी कांड में मुख्य आरोपियों में से एक रिंकू खनूजा की हत्या-आत्महत्या से जुड़ा ऑडियो 

0
71

दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में सेक्स सीडी कांड की जांच में जुटी सीबीआई की तत्कालीन टीम ने आखिर क्यों रिंकू खनूजा की मौत से जुड़े साक्ष्यों को दरकिनार कर अपने हाथ वापस खींच लिए थे ? यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है। इस मामले को रफा-दफा करने और फाइल क्लोज करने के मामले में छत्तीसगढ़ कैडर के वर्ष 2005 बैच के तत्कालीन एसएसपी शेख आरिफ, 2001 बैच के तत्कालीन आईजी रायपुर आनंद छाबड़ा और प्रमुख संदेहियों में एक उद्योगपति सुरेश गोयल की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है।

रिंकू खनूजा की मौत से पहले उसने सुरेश गोयल से जो बातचीत की थी, उसका ऑडियो यूट्यूब पर आज भी उपलब्ध है। इसे सुनने के बाद आप का माथा ठनक जायेगा ? सुरेश गोयल आत्महत्या के लिए रिंकू खनूजा को ना केवल उकसा रहा है, अपितु लेनदेन को लेकर गोयल की धमकियाँ सेक्स सीडी कांड के बुनियाद से जुड़ी प्रतीत हो रही है। सूत्र तस्दीक करते है कि रिंकू खनूजा सीबीआई को कई महत्वपूर्ण जानकारी और साक्ष्य उपलब्ध कराने में जुटा था। इस बीच उसकी मौत का प्रकरण सामने आया था।

रायपुर के सिविल लाइन थाने में प्रभावशील तत्कालीन अधिकारियों ने बगैर किसी ठोस जांच के रिंकू के शव को आत्महत्या करार देकर खानापूर्ति कर दी थी। जबकि उसके परिजन रिंकू की हत्या का अंदेशा जाहिर कर उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे। बताते है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे बघेल के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। जानकारी के मुताबिक रिंकू खनूजा हत्या-आत्महत्या मामले में स्थानीय पुलिस ने उद्योगपति सुरेश गोयल को बाकायदा नोटिस देकर तलब भी किया था।

लेकिन जांच में सहयोग करने के बजाय सुरेश गोयल राज्य से भाग खड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार में बाबा रामदेव की शरण स्थली में कभी वक़्त गुजारा तो कभी मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भोपाल-दिल्ली में संपर्क कर छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे बघेल से सुलह और राहत की गुहार लगाई थी। जानकार तस्दीक करते है कि राजनैतिक दबाव के चलते तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने IBC चैनल समेत कई उद्योग-धंधों के मालिक सुरेश गोयल को अभयदान दे दिया था। छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की फर्जी सेक्स सीडी मामले में कथित तौर पर जुड़े रिंकू खनूजा की 5 जून 2018 को संदेहस्पद मौत सामने आई थी। मौत से पहले रिंकू खनूजा और सुरेश गोयल के बीच हुई बातचीत आज भी सुर्ख़ियों में है।

बताते है कि उसके मोबाइल में पाया गया एक ऑडियो इस अपराध की तफ्तीश में बरती गई लापरवाही की तस्दीक कर रहा है। ऑडियो में रिंकू को उद्योगपति गोयल जिस तर्ज पर धमका-चमका रहे है, इसी तर्ज पर कभी मुम्बईया डॉन दाऊद इब्राहिम भी लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता था। आपराधिक मामलों पर क्राइम रिपोर्ट तैयार करने वाले कई कलमकार तस्दीक करते है कि गोयल और दाऊद समेत अन्य गैंगस्टर की बातचीत का अंदाज एक जैसा ही है। वे बस बंदूक की नोक पर वसूली करते है, और ये जनाब छोटे पर्दे पर फर्जी सेक्स सीडी को न्यूज़ के रूप में प्रसारित कर अपना उल्लू सीधा करने में पीछे नहीं रहते।

उनके मुताबिक इस ऑडियो क्लिप को सुनने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि चौथे स्तंभ की आड़ में लाभ कमाने के चक्कर में कई औद्योगिक घराने आपराधिक कृत्यों को भी अंजाम दे रहे है। गोयल का यह ऑडियो क्लिप फर्जी सेक्स सीडी कांड की जड़ों से बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक रिंकू खनूजा की मौत का वाक्या उस समय सामने आया था, जब जांच एजेंसी पिछले कई दिनों से उससे नियमित पूछताछ कर रही थी। राज्य के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले से कथित तौर पर जुड़े रिंकू खनूजा ने आखिर क्यों मौत को गले लगाया ? विवेचना में भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण दर्ज कर शेष विवेचना बंद कर दी थी।

पुलिस सूत्र बताते है कि रिंकू खनूजा का शव रायपुर के गोवर्धन चौक स्थित अर्जुन ऑटोमोबाइल दुकान की दूसरी मंजिल से बरामद किया गया था। यहाँ वो फांसी पर झूलता पाया गया था। खनूजा पेशे से ऑटोमोबाइल व्यवसायी था। उद्योगपति गोयल के साथ उसकी भागीदारी जिस तर्ज पर नजर आ रही है, इस ऑडियो टेप में सब कुछ साफ-साफ सुनाई दे रहा है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने फर्जी सेक्स सीडी कांड की जांच कमजोर करने के लिए रिंकू की मौत को सीबीआई के मत्थे जड़ने का प्लान भी तैयार किया था। ताकि उनके गिरोह के खिलाफ विवेचना को कमजोर किया जा सके।

यहाँ तक की तत्कालीन सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ स्थानीय थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने की कार्यवाही को लेकर दबाव भी बनाया गया था। जानकार बताते है कि तत्कालीन भूपे सरकार के अधिकारों के दुरुपयोग के चलते भी सीबीआई ने इस प्रकरण से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। 

मामले पर निगाह रखे कलमकार यह भी तस्दीक करते है कि सीबीआई को इनपुट मिला था कि तत्कालीन मंत्री की कथित सेक्स सीडी मामले में रिंकू की महत्वपूर्ण भूमिका है। उसके तार सुरेश गोयल के साथ-साथ मुंबई के कई संदेहियों से भी सीधेतौर पर पाए गए थे। इस आधार पर ही सीबीआई खनूजा से लगातार पूछताछ कर रही थी। इस बीच उसे ठिकाने लगा दिया गया था। 

रिंकू खनूजा के मोबाइल से उसकी मौत से पहले सुबह नौ बजे के आस-पास अपने परिवार को भेजे गए आखिरी मैसेज में संदेशा लिखा था कि- मेरा आखिरी नमस्कार। फिलहाल खनूजा की हत्या-आत्महत्या का मामला सुर्ख़ियों में है। दरअसल, करीब 7 साल बाद रायपुर की सीबीआई कोर्ट में क़ानूनी प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है। अदालत ने इस मामले में मुख्य आरोपी बघेल और उनके संगी-साथी विनोद वर्मा समेत आधा दर्जन आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का समन जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी तय की गई है। बहरहाल, यह देखना गौरतलब होगा कि रिंकू की रहस्यमय मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ?