दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के मंत्री-मंडल विस्तार की अटकले उस समय बलवती हो गई, जब स्टेट गैरेज में चम-चमाती हुई 4 गाड़ियों को सजधज़ कर तैयार कर दिया गया। कहा जा रहा है कि मंत्री मंडल में नए मंत्रियों की आमद दर्ज होते ही इन वाहनों को आबंटित किया जायेगा। हालांकि मंत्री मंडल विस्तार की खबरों के बीच यह भी खबर सुर्ख़ियों में रही कि राज्यपाल का प्रस्तावित बस्तर दौरा टल गया है। शुक्रवार को शपथ ग्रहण की अटकले भी लगाई जा रही थी।
हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर आने के बाद मंत्री मंडल विस्तार पर हफ्तेभर का ब्रेक लगने की जानकारी भी सामने आई है। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर देश-प्रदेश में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इसके चलते एक बार फिर उन नेताओं की बैचेनी बढ़ गई है, जिन्हे मंत्री पद का प्रबलतम दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजकीय शोक के चलते साय मंत्री मंडल का विस्तार हफ्तेभर तक टाल दिया गया है। यही नहीं ‘कौन बनेगा मंत्री’? यह मामला अभी भी रहस्मय बना हुआ है।
बीजेपी और सरकार की ओर से अब तक साफ़ नहीं किया गया है कि आखिर कौन-कौन माननीय, शपथ लेते नजर आएंगे। यह भी बताया जाता है कि आलाकमान की मुहर लगने के बाद मंत्रियों का नाम एक लिफाफे में कैद है, यह लिफाफा मुख्यमंत्री के हाथों में सौंपा जा चुका है, इसके खुलते ही रहस्यों पर से पर्दा भी हट जायेगा। उधर मुख्यमंत्री साय ने मंत्री मंडल विस्तार की खबरों पर हामी भरते हुए पार्टी के कई नेताओं की बैचेनी बढ़ा दी है।
राजनैतिक गलियारों में अटकले लगाई जा रही है कि विधायक अमर अग्रवाल, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक गजेंद्र यादव, विधायक राजेश मुणोत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरण सिंहदेव का नाम मंत्री बनने वालों की रेस में सबसे आगे है। खबरों के मुताबिक बीते 24 घंटों से मुख्यमंत्री आवास में कई प्रभावशील विधायकों की आवाजाही जोरो पर है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में बीजेपी अध्यक्ष के अलावा कई पूर्व और वर्तमान विधायक एवं मंत्री शामिल है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि मौजूदा मंत्रिमंडल विस्तार में अनुभवी पूर्व मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। यही नहीं मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष किरण सिंहदेव को नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे गरिमामय पद के लिए भी किसी वरिष्ठ विधायक को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। बहरहाल ‘कौन बनेगा मंत्री’ ? बाजी आखिर किसके लगेगी हाथ ? यह तो वक़्त ही बताएगा ?