Saturday, September 21, 2024
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दुनिया में घातक Mpox की एंट्री से WHO की उड़ी नींद, पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित, अफ्रीका के बाद यूरोप में भी खतरा

नई दिल्‍ली। अफ्रीका में फैल रहे एमपॉक्स के मामलों ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की चिंता बढ़ा दी है। इसके चलते इस बीमारी को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है। WHO के अनुसार, इस साल एमपॉक्स के 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि 524 लोगों की मौत हो चुकी है। 2023 के मुकाबले ये मामले काफी अधिक है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मानें तो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) और पड़ोसी बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में एमपॉक्स के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीका में इसके और अधिक फैलने की आशंका जाहिर की है।

इस वायरस के खतरे को देखते हुए वर्ल्‍ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बुधवार को बैठक की थी। WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने बताया कि क्लेड्स नामक विभिन्न वायरस के कारण एमपॉक्स का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, पिछले साल डीआरसी में क्लेड 1बी वायरस फैला था, जो “मुख्य रूप से यौन नेटवर्क के माध्यम से” हुआ था। यह काफी घातक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने बताया कि इस वायरस के प्रकोप को समझने और इसका समाधान करने के लिए प्रभावित देशों की सरकारों, अफ्रीका सीडीसी और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही ब्लड सैंपल भी लिए जा रहे हैं। टेड्रोस के अनुसार वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए क्षेत्रीय प्रतिक्रिया योजना बनाई गई है। इसके तहत निगरानी और ​तैयारी के लिए 15 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी। फिलहाल इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन निधि से 1.45 मिलियन डॉलर दिए गए है। आगामी दिनों में और राशि जारी की जाएगी।

एमपॉक्स वायरस से निपटने के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ फिलहाल दो प्रकार के टीकों की मदद ले रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ प्रमुख ने एमपॉक्स वैक्सीन बनाने वाली कपंनियों से अधिक उत्पादन करने की अपील की है, ताकि निम्न आय वाले देशों में भी वैक्सीन पहुंचाई जा सके।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य के अनुसार, स्‍वीडन में भी एमपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है। अफ्रीका के बाहर इस वायरस का यह पहला मामला है। स्वीडिश स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो स्वीडन का एक व्यक्ति अफ्रीका में रहते हुए इस वायरस की चपेट में आया था। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और स्थिति नियंत्रण में हैं। WHO का मानना है कि रूस में इस तरह के मामलों का कोई असर नहीं होगा, लेकिन यूरोप में एमपॉक्स के मामले सामने आ सकते हैं।

Bureau Report
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