कौन है असली तुषार कुमार? नाम और रोल नंबर एक, दोनों कर रहे UPSC में 44वीं रैंक लाने का दावा, फंस गया पेच

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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अंतिम परिणाम घोषित किए जाने के दो दिन बाद, एकदूसरे से 1324 किलोमीटर की दूरी पर बैठे, एक ही नाम के दो युवाओं तुषार कुमार- एक हरियाणा के रेवाड़ी से और दूसरा भागलपुर से- ने 44 वीं रैंक के लिए दावा किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कैंडिडेट्स ने अपने कॉल लेटर भी पेश किए हैं, जिन पर उनके रोल नंबर एक ही हैं. कॉल लेटर में कहा गया है कि दोनों 8 मई को दोपहर 1 बजे नई दिल्ली में यूपीएससी कार्यालय में व्यक्तित्व परीक्षण के लिए उपस्थित हुए.

यह घटना गुरुवार को तब सामने आई जब बिहार के तुषार कुमार ने कैमूर पुलिस अधीक्षक से शिकायत की और रेवाड़ी निवासी तुषार कुमार के दावे को झूठा करार दिया. बिहार के तुषार कुमार ने दावा किया कि वह 8 मई को व्यक्तित्व परीक्षण के लिए उपस्थित हुए थे, जबकि रेवाड़ी के तुषार ने भी इसी तरह के दावे किए हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा संपर्क करने पर, बिहार के तुषार ने कहा कि उन्हें न्यूज में पता चला कि इसी नाम के एक रेवाड़ी निवासी ने दावा किया है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में 44वां स्थान हासिल किया है, और स्थानीय प्रशासन ने भी तथ्यों की जांच किए बिना उसे सम्मानित किया.

अपनी रिपोर्ट में बिहार वाले तुषार कुमार के हवाले से लिखा है, ‘मैंने कैमूर के पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज की और उनसे रेवाड़ी के तुषार के खिलाफ यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल करने का झूठा दावा करने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया. यूपीएससी ऐसी गलतियां नहीं कर सकता. मैंने 2016 में आईआईटी-दिल्ली से टेक्सटाइल में ग्रेजुएशन किया और यह मेरा छठा प्रयास था. इससे पहले मैं चार बार इंटरव्यू में शामिल हुआ था, लेकिन क्रैक नहीं कर सका. मेरा परिवार और दोस्त सफलता का जश्न मनाने में व्यस्त थे, जब मुझे पता चला कि कोई और मेरी रैंक पर दावा कर रहा है.’

बिहार वाले तुषार ने आगे आरोप लगाया कि रेवाड़ी निवासी तुषार ने जाली प्रवेश पत्र बनाया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने रेवाड़ी के तुषार को अपने दस्तावेज साझा करने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उसके एडमिट कार्ड में उसके आधार कार्ड का विवरण नहीं है, लेकिन मेरे पास है. साथ ही, उसके कॉल लेटर पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दिखाता है, जबकि मेरा क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद सारी जानकारी सामने आती है.’ वहीं, रेवाड़ी निवासी तुषार ने कहा कि वह यूपीएससी कार्यालय का दौरा करेंगे और अधिकारियों को इस मुद्दे से अवगत कराएंगे.

अपनी रिपोर्ट में रेवाड़ी वाले तुषार कुमार के हवाले से लिखा, ‘मैंने कुछ साल पहले अपने माता-पिता को खो दिया और रेवाड़ी में पढ़ाई की. बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा को क्रैक किया.’ रेवाड़ी के उपायुक्त इमरान रजा ने कहा, ‘हम इस मामले से अवगत हैं, लेकिन यह यूपीएससी का काम है कि वह स्थिति को साफ करे.’ ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से भी सामने आया है. देवास जिले की 23 वर्षीय आयशा फातिमा और अलीराजपुर जिले की 26 वर्षीय आयशा मकरानी दोनों का कहना है कि उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 184वीं रैंक हासिल की है. दोनों ने अपने दावों के समर्थन में एक ही रोल नंबर वाले एडमिट कार्ड पेश किए हैं. उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए स्थानीय पुलिस और यूपीएससी के पास शिकायत दर्ज की है.