NEET UG Paper leak: नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड कौन ? न बॉक्स का ताला टूटा न सील, फिर पटना कैसे पहुंचा नीट पेपर? झारखंड में भी छात्रों के हाथ लगा प्रश्नपत्र, सीबीआई की दलीलों के बाद NTA के दावे पर सवाल…..

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नई दिल्ली/ पटना/ रांची: NEET UG Paper leak: नीट यूजी पेपर लीक मामले में नए खुलासे हो रहे है। ताजा जानकारी के मुताबिक झारखंड के कई छात्रों के हाथों में परीक्षा पूर्व प्रश्न पत्र पहुँच गया था। यही हाल बिहार में भी था। आखिर कौन है, पेपर लीक करने वाला शख्स। यह किसी एक शख्स के बूते की बात नहीं। दरअसल ना तो पेपर बॉक्स का ताला टूटा हुआ था और ना ही लिफाफे की सील, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे पेपर कई छात्रों के हाथों में आ गया था। इसे लेकर अदालती दावे – प्रतिदावे चर्चा में है। केंद्र सरकार और एनटीए ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि पटना/हजारीबाग मामले में किसी भी ट्रंक में कोई प्रश्न पत्र गायब नहीं हुआ था। एजेंसी ने तो यह भी दावा किया कि कोई भी ताला नहीं टूटा हुआ नहीं मिला.

बताते है कि प्रत्येक प्रश्न पत्र में एक यूनिक नंबर होता है. उसे एक विशेष उम्मीदवार को सौंपा जाता है. हलफनामे में टेलिग्राम वीडियो की आशंका को भी खारिज कर दिया गया है। कोर्ट में यह भी कहा गया कि टेलिग्राम का वीडियो चार मई को दिखाने के लिए एडिट किया गया था. इस टेलिग्राम चैनल के सदस्य भी फर्जी थे. ऐसे में पेपर लीक की गुत्थी उलझी हुई है। कोर्ट में एनटीए और केंद्र सरकार के ये दावे सुर्ख़ियों में है। पहला सवाल यह उठ रहा है कि अगर बॉक्स का ताला नहीं टूटा तो नीट यूजी का पेपर पटना कैसे पहुंचा था। न्यूज़ टुडे नेटवर्क को मिली जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में 18 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों के घर से जले हुए कागजात बरामद करने के दावे भी किए थे.

जिसमें प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी भी शामिल बताई जाती है। यह भी बताया जा रहा है कि EOU ने जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्न पत्र से किया था. सूत्र दावा करते है कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि जले हुए कागजातों में 68 फीसदी प्रश्न मूल प्रश्न पत्र से मेल खाता हैं। इतना ही नहीं, प्रश्नों के क्रमांक तक मूल प्रश्न पत्र से मेल खाते पाए गए हैं. उधर सीबीआई की रिपोर्ट और NTA हलफनामे में भी काफी अंतर देखने को मिल रहा है। केंद्र और एनटीए ने जो हलफनामा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था, वह सीबीआई की रिपोर्ट से भी मेल नहीं खाता है। जानकारों के अनुसार सीबीआई ने अपनी जांच में बताया है कि पेपर झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस स्कूल द्वारा लीक किए गए थे.

यहां पहुंचे पेपर के दो सेट की सील टूटी हुई थी. सीबीआई के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि एसबीआई हजारीबाग से विभिन्न केंद्रों के लिए प्रश्न पत्रों के नौ सेट भेजे गए थे. ये सेट ओएसिस स्कुल केंद्र पर आए थे. लेकिन उनकी सील टूटी हुई थी. पेपर लीक के अंदेशे के बावजूद यहाँ के स्टाफ ने कोई अलार्म नहीं बजाया था। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की एक गुप्त सूचना के आधार पर पटना में पुलिस ने पेपर लीक मामले को लेकर पृथक से भी अपराध दर्ज किया है। एजेंसी ने कुछ सबूतों के आधार पर पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल की भी तलाशी ली थी। यहाँ से जले हुए कागजात बतौर  सबूत जब्त किये हैं।

इस बीच साफ़ हो गया है कि दोबारा नीट यूजी एग्जाम के पक्ष में केंद्र सरकार बिल्कुल भी नहीं है। उसने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब में साफ कर दिया है कि वह नीट यूजी एग्जाम दोबारा कराने के पक्ष में नहीं है. सरकार ने हलफनामे में कहा है कि वह यह तय कर रहे हैं कि 23 लाख परीक्षार्थियों पर ‘अप्रमाण‍ित आशंकाओं’ को आधार पर बनाकर दोबारा परीक्षा का बोझ न डाला जाए, यह इबारत दर्ज कर केंद्र ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए है। हालांकि दोबारा परीक्षा लेने की मांग को लेकर देश – प्रदेश के कई हिस्सों में छात्रों का प्रदर्शन भी जारी है।