
लद्दाख। लद्दाख को भारत के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक माना जाता है, लेकिन वर्तमान में यह क्षेत्र राजनीतिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों के दौर से गुजर रहा है। स्थानीय लोग लंबे समय से केंद्र सरकार से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व सोनम वांगचुक, प्रसिद्ध इंजीनियर और शिक्षा सुधारक कर रहे हैं।
2019 में भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त कर दिया और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। शुरुआत में यह फैसला कुछ लोगों को ठीक लगा, लेकिन समय के साथ यह स्पष्ट हुआ कि विधानसभा और विशेष अधिकारों के बिना लद्दाख की पहचान, संस्कृति और भविष्य खतरे में हैं।
सोनम वांगचुक कौन हैं?
सोनम वांगचुक केवल शिक्षा सुधारक ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजिकल इनोवेटर भी हैं। उन्होंने SECMOL परिसर की स्थापना की, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलता है और इसमें कोई फॉसिल फ्यूल इस्तेमाल नहीं होता। इसके अलावा, उन्होंने लद्दाख की लोकल मैगज़ीन ‘लाडाग्स मेलोंग’ का संपादन किया और कई सामाजिक संगठनों के साथ काम किया।
बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स के किरदार फुनसुख वांगडू के पीछे भी सोनम वांगचुक ही प्रेरणा रहे हैं। आज वह कई छात्रों और युवाओं के साथ मिलकर लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।
लद्दाख में विरोध प्रदर्शन
लेह और आसपास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन और हड़तालें हुई हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले और लद्दाख को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए तुरंत बातचीत शुरू करे।