रायपुर : छत्तीसगढ़ के दो सुपर CM में से एक आरोपी सौम्या चौरसिया इन दिनों जेल की हवा खा रही है। जबकि दूसरे चर्चित सुपर CM अनिल टुटेजा की सरकारी और गैरसरकारी गतिविधियां चर्चा में है। बता दे, ये साहब भी इन दिनों जमानत पर है। राज्य के 36 हजार करोड़ के नान घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर सरकार ने उन्हें मुख्य आरोपी घोषित किया है। उनके साथ एक अन्य IAS अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला भी घोटाले के नामजद आरोपियों में से एक है। डॉ. आलोक शुक्ला रिटायर हो चुके है। लेकिन संविदा नौकरी के तमाम नियमो को शिथिल करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें संविदा पर नियुक्ति दी है। यह भी बताते है कि आरोपी डॉ. आलोक शुक्ला की पत्नी को भी सरकारी सेवा और बदले में मेवा का दायित्व सौंपा गया है।
फिलहाल प्रदेश में चर्चा जमानत पर रिहा अनिल टुटेजा की हो रही है। हो भी क्यों ना ? दरअसल सुपर CM सौम्या चौरसिया के ED के हत्थे चढ़ने के बाद राजकाज का सारा भार टुटेजा साहब के कंधो में बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि इन दिनों साहब काफी व्यस्त है। बताते है कि ”सौम्या जी जेल में है” ऐसी स्थिति में सुपर CM नंबर – 2 की जवाबदारी काफी बढ़ गई है। लेकिन अब पहले जैसे पूछ परख नहीं है। बताते है कि कई आईएएस,आईपीएस अधिकारियों ने ED-IT के आरोपियों से दूरियां बना ली है। ये अफसर अब गैरकानूनी फरमानो को “ना” कर रहे है। नियमो का हवाला देकर कई फाइलें लौटाए जाने की ख़बरें भी आ रही है। हालाँकि बढ़ी हुई जवाबदारी के बीच साहब भी ना’फ़रमानी से लाल-पीले बताए जाते है। यह भी खबर है कि साहब के कई लंबित प्रकरणों पर लगी धूल हटाने के लिए एजेंसियों ने कवायत शुरू कर दी है।
राजनैतिक गलियारों से लेकर प्रशासनिक हलकों में एक समय टुटेजा साहब का ही जलवा नजर आता था। उनके करीबी कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा का वायरल ऑडियो इसकी तस्दीक भी करता है। यह ऑडियो केंद्रीय एजेंसियों के लिए कारगर बताया जा रहा है। बताते है कि होरा जिस तर्ज पर टुटेजा साहब का जलवा बिखेर रहा है ,उन्ही तथ्यों की दस्तावेजी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में ED पेश कर रही है। वो बता रही है कि सीबीआई जांच में रोड़ा अटकाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार किस तरह से टुटेजा पर मेहरबान है।
बताते है कि गुरुचरण सिंह होरा अनिल टुटेजा के अभिन्न कारोबारी साथियो में से एक है। सूत्र बताते है कि होरा के कई कारोबार में किया गया निवेश जांच के दायरे में है।उसके ठिकानो पर पड़ी IT रेड की तस्दीक खुद होरा ने अपने ऑडियो क्लिप में की है। इस मामले में रायपुर पुलिस की जांच चर्चा में है। अंदेशा है कि नान घोटाले की रकम होटल और केबल कारोबार में भी खपाई गई है। बताया जाता है कि नान घोटाले में आरोपी बनाए गए टुटेजा की राजनैतिक और प्रशासनिक पकड़ का नमूना दस्तावेजी प्रमाणों के साथ IT-ED ने अदालत में पेश किया है। इसमें अब होरा का ऑडियो क्लिप भी चर्चा में है। वही दूसरी ओर करीब 927 पन्ने के एक चालान में केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में जो साक्ष्य पेश किये है, वो बताता है कि नौकरशाह और राजनेता मिलकर आखिर किस तरह से सरकारी तिजोरी लूट रहे है।
यह भी गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में नान घोटाले की सुनवाई के दौरान ED ने कई बंद लिफाफा रिपोर्ट भी पेश की है। इसमें कई ऐसे राज दस्तावेजी प्रमाणों के साथ दर्ज है, जो नान घोटाले के आरोपियों को सरकारी तौर पर मिल रहे अवैधानिक सरंक्षण से जुड़े हुए है। नान घोटाले में आरोपी अनिल टुटेजा को बिलासपुर हाईकोर्ट से प्राप्त अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए ED सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगा रही है। दूसरी ओर राज्य सरकार और आरोपी अनिल टुटेजा की ओर से राहत को लेकर अदालत में क़ानूनी दांवपेचो की जोर अजमाइश भी जोरो पर है।
देश के महंगे से महंगे वकील आरोपियों का पक्ष रखने के लिए अपनी – अपनी दलीले दे रहे है। इस आपा – धापी के बीच वो प्रकरण अभी तक शिकायतों की फाइलों में ही कैद है जो अनिल टुटेजा की कार्यप्रणाली और काले कारनामो को लेकर EOW और ACB में दस्तावेजी प्रमाणों के साथ सौंपे गए थे। बताते है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाले इस दफ्तर में सौम्या चौरसिया के साथ – साथ अनिल टुटेजा की शिकायत भी फाइलों में कैद कर दी गई है।
उनकी जांच के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है, जबकि शिकायते प्राप्त हुए सालो बीत चुके है। यह भी बताते है कि कई गंभीर शिकायतों को रफा – दफा भी कर दिया गया है। हालांकि इसकी हकीकत जानने के लिए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने EOW – ACB चीफ DM अवस्थी से सम्पर्क भी किया था लेकिन इन मामलो को लेकर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं प्राप्त हुई।
जानकारी के मुताबिक नान घोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान रायपुर की ट्रायल कोर्ट ने अनिल टुटेजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। सूत्र बताते है कि इस वारंट को दरकिनार कर अनिल टुटेजा सैर – सपाटे के लिए विदेश यात्रा पर चले गए थे। सूत्रों का दावा है कि सुनवाई के दौरान अदालत से टुटेजा ने विदेश यात्रा में जाने की अनुमति नहीं ली थी। यही नहीं उनके द्वारा राज्य सरकार और विभागीय स्तर पर भी विदेश यात्रा हेतु ना तो कोई ब्यौरा सौंपा गया, और ना ही समय पर इसकी अनुमति ली गई।
बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया की तर्ज पर सुपर CM नंबर 2 पर सरकारी सेवा आचरण संहिता के प्रावधान लागू नहीं होते। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक अनिल टुटेजा बिलासपुर हाईकोर्ट से प्राप्त अग्रिम जमानत का दुरुप्रयोग करते हुए नान घोटाले की तस्दीक करने वाले कई गवाहों को प्रभावित कर रहे है। उनकी कार्यप्रणाली से घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य नष्ट होने के आसार बढ़ गए है।
बताते है कि इन दिनों सुपर CM साहब उन पत्रकारों को ठिकाने लगाने की तैयारी में काफी व्यस्त है। जो सरकार के सरंक्षण में हुए घोटालो की परत खोल रहे है। ऐसे पत्रकारों को कानूनी दांवपेचों के जाल में उलझाने के लिए टुटेजा साहब ने एक नया पैतरा फेंका है। इसके तहत साहब पत्रकारों को मानहानि का ऐसा नोटिस भेज रहे है,जो स्वयं नान घोटाले की जाँच में रोड़ा बने सरकारी सरंक्षण और अधिकारों के दुरूपयोग की दास्ताँ बयां कर रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि 36 हजार करोड़ के आरोपी द्वारा मात्र 1 करोड़ का मानहानि का नोटिस पत्रकारों को दिया जा रहा है ।पत्रकार इस रकम को ऊंट के मुँह में जीरा की तर्ज पर देख रहे है। कई पत्रकार तो मजनून देखकर इस नोटिस को खुद-ब-खुद कोर्ट को सौंपे जाने पर विचार कर रहे है ,ताकि इस नए पैतरे से वाकिफ होकर नान घोटाले की सीबीआई जांच का आधार और अधिक मजबूत हो सके। हालांकि कुछ पत्रकारों के टेबल के इर्द गिर्द इस नोटिस के अवशेष नजर आ रहे है। पहली नजर में ही उसका हाल-बेहाल दिख रहा है। गौरतलब है कि यह नोटिस कही-कही जगह रद्दी की टोकरी में भी पड़ा दिखाई दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक टुटेजा साहब ने एक अंग्रेजी अख़बार के वरिष्ठ पत्रकार अजय भानसिंह और न्यूज़ टुडे के संपादक सुनील नामदेव को नोटिस भेजा था। इस नोटिस के तथ्यों और टुटेजा साहब की कार्यप्रणाली से खड़े हुए भ्रष्टाचार के पहाड़ का आपस में गहरा रिश्ता है। उनकी मानहानि वाले तथ्य अदालत की कार्यवाही में गंभीर आपराधिक आचरणों के दायरे में है।
ऐसे में पत्रकारों ने बेहिचक टुटेजा साहब के अरमानों पर पानी फेर दिया है। उनका मानना है कि गौरतलब तथ्यों से अदालत वाकिफ होगी, इससे भ्रष्टाचार की नई परते खुलने के आसार है। लिहाजा साहब को जल्द से जल्द अपने नोटिस का परिपालन सुनिश्चित करना चाहिए। पत्रकारों का यह भी मानना है कि मौजूदा दौर में टुटेजा साहब को भी अपनी वैधानिक स्थिति स्पष्ट करने के लिए कोर्ट के फ्लोर में आना जरुरी है। ये नोटिस उनका क़ानूनी हक़ है।
इधर छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नान घोटाले की जाँच को लेकर हाइकोर्ट बिलासपुर और सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सरगर्मिया तेज होने के आसार है। बताया जाता है कि सुपर CM नंबर 1 सौम्या चौरसिया के गुर्गो ने नान घोटाले के आरोपियों की कलई खोल दी है। कुछ गवाहों ने भी इसकी तस्दीक कर अनिल टुटेजा की कार्यप्रणाली से जाँच एजेंसियों को रूबरू कराया है।
सूत्र बताते है कि सौम्या चौरसिया से हुई पूछताछ और सूर्यकान्त तिवारी से प्राप्त कई तथ्यों की पड़ताल अभी जारी है। इन मामलो में अपनी सफाई देने सुपर CM साहब भी हाजिर हो सकते है। यह भी बताया जा रहा है कि नान घोटाले के जरिये सरकारी तिजोरी में हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन कारोबारियों की तलाश भी शुरू हो गई है , जिनके ठिकाने घोटाले की रकम से रोशन हो रहे है। आने वाले दिनों केंद्रीय एजेंसियां ऐसे ठिकानों पर नोटिस चस्पा करते नजर आये तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
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बताते है कि सौम्या के ED के हत्थे चढ़ने के बाद अखिल भारतीय सेवाओं के ज्यादातर अफसरों ने घोटालो के आरोपी अफसरों के फरमानो को मानने से इंकार कर दिया है। कई अफसर सौम्या चौरसिया के संदेशो को एक कान से सुनकर दूसरे से बाहर निकाल रहे है। यही हाल सुपर CM नंबर 2 का भी बताया जा रहा है। बताते है कि साहब की कार्यप्रणाली इन दिनों फिर चर्चा में है। हाल ही में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनीतिक पत्र लिखकर सुर्खियां बटोरी थी। अब फिर एक नए मामले में चर्चित हो रहे है। ऐसे समय राज्य की जनता भी सुप्रीम कोर्ट नान घोटाले की जल्द सुनवाई के लिए आग्रह कर रही है।
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