Site icon News Today Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के मनी लॉन्ड्रिंग सेंटर एमजीएम हॉस्पिटल पर आखिर कब रिसीवर बैठाओगे सरकार ? अब तो हाईकोर्ट ने भी यह कहते हुए खारिज कर दी याचिका कि , शासन की कार्रवाई में सहयोग करे , ट्रस्ट पर कड़ी कार्रवाई की मांग 

बिलासपुर / बिलासपुर हाईकोर्ट ने डकैत एडीजी मुकेश गुप्ता और उसके परिजनों के स्वामित्व वाले MGM अस्पताल की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है , जिसमे मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट ने बिना सुनवाई का अवसर दिए एमजीएम हॉस्पिटल के निरीक्षण पर आपत्ति जताई थी | MGM की याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. सेम कोशी के सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी और आपत्ति को दरकिनार करते हुए कोर्ट ने शासन की कार्रवाई में सहयोग करने के लिए निर्देशित किया है । दरअसल जिला प्रशासन की टीम एक दिन पहले ही गुरुवार को निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता से जुड़े एमजीएम अस्पताल को 4 फरवरी को नोटिस जारी कर 6 फरवरी को निरीक्षण के लिए पहुंची थी। इस दौरान मौके पर मौजूद एमजीएम हास्पिटल के वकीलों ने बगैर एफआईआर और सर्च वारंट के पहुंचने आपत्ति करते हुए टीम को वापस लौटा दिया था।यही नहीं इस मामले में मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट ने छत्तीसगढ़ शासन के विरुद्ध जस्टिस पी सेम कोशी के सिंगल बेंच में याचिका प्रस्तुत की। इसमें कहा गया कि शासन द्धारा बिना सुनवाई का अवसर दिए हुए और किसी भी शिकायत की जानकारी देते हुए बार-बार एमजीएम हॉस्पिटल में निरीक्षण के नाम पर परेशान किया जा रहा है।   

उधर शासन की ओर से जवाब देते हुए बताया गया कि समस्त कार्यवाही रजिस्टार पब्लिक लोक न्यास अधिनियम की परिधि के अंदर किया जा रहा है। शासन की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता से मात्र जानकारी मांगी जा रही है, जिसे याचिकाकर्ता द्धारा बिना किसी वजह के छुपाया जा रहा है, जिसे मंगाने की शक्ति अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार के पास है। शासन की ओर से पेश जवाब में यह भी कहा गया कि यह सब कुछ शासकीय कार्य में व्यवधान के उद्देश्य से दिया गया है, जिससे याचिकाकर्ता द्वारा अपने विधि विरूद्ध कृत्यों को छिपाया जा सके, जिसे बताने का दायित्व किसी भी न्यास को होता है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद शासन द्वारा की जा रही कार्यवाही में किसी भी प्रकार की कोई अवैधानिकता न पाते हुए याचिका को निराकृत किया | अदालत ने MGM ट्रस्ट को निर्देशित किया कि शासन न्यास अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है, एवं याचिकाकर्ता से उक्त कार्यवाही में अपना पूर्ण योगदान प्रदान करना अपेक्षित है, ताकि विधि अनुसार कार्यवाही की जा सके।

उधर लंबे समय से MGM ट्रस्ट की जांच लंबित रहने से सरकारी अफसर भी मायूस है | उन्हें लगता है कि कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाले MGM ट्रस्ट में रिसीवर की नियुक्ति के बाद ही जांच में तेजी आएगी | सरकारी अधिकारियों के मुताबिक ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के पर्याप्त आधार है | हालांकि कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की पड़ताल के बाद इस ट्रस्ट और उसके सदस्यों के खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी | प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं ने भी मांग की है कि राज्य के नागरिकों के नाम से इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था | यही नहीं इसके निर्माण और संचालन में सरकारी धन भी दिया गया था | लिहाजा जनहित में इस अस्पताल और  उसकी संपत्ति को जब्त कर इसे स्वास्थ्य विभाग को सौंपना चाहिए | गौरतलब है कि MGM ट्रस्ट में करोड़ों की आर्थिक गड़बड़ी सामने आई थी | इसके उपरांत ट्रस्ट की गतिविधियों की जांच रायपुर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है | माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग को छिपाने के लिए MGM ट्रस्ट और उसके सदस्य एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है | उधर कई गंभीर मामलों के आरोपी निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायतों को भारत सरकार , DOPT , ग्रह मंत्रालय और ईडी को भेजे जाने की कार्रवाई भी अब तक लंबित है |     

Exit mobile version