धार / जिन्दा हूँ मैं जिंदगी के लिए, अर्थी पर लेटे आदमी ने कहा- जिंदा हूं मैं, इतना सुनते ही शवयात्रा में शामिल लोगों ने जमकर डांस किया | इस शव यात्रा में पूरा गांव उमड़ा था | महिलाओं और बड़े बुजुर्गों के साथ नौजवान भी शव यात्रा में शामिल हुए थे | ढ़ोल – नगाड़ों के साथ निकाली गई शव यात्रा में उस समय खुशियां बिखर गई जब मुर्दा बोल उठा | अचानक युवाओं ने डांस शुरू कर दिया | इसके बाद शव यात्रा में शामिल पूरा हुजूम नाचने लगा | धार के इस मुक्तिधाम के करीब शव यात्रा का ये हाल देखकर कई लोग हैरत में पड़ गए |
दरअसल धार जिले के बदनावर तहसील में अजीबोगरीब टोटका बतौर परंपरा की तर्ज पर आजमाया गया है। धार जिले के कई हिस्सों में अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है, जिसके चलते सूखे का खतरा मंडराने लगा है | किसानों की फसल बर्बाद होने की कगार पर है | सावन के बाद भादों में भी जब अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों की चिंता बढ़ गई | ऐसे में इंद्र देवता को मनाने के लिए गांव में तमाम प्रकार के जतन शुरू हो गए हैं | इसमें तमाम टोटके भी शामिल है | इलाके में अच्छी बारिश को लेकर ग्राम खिलेड़ी में ग्रामीणों ने अपने पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया | उन्होंने सालों पुरानी परंपरा को आजमाया | इस दौरान इंद्र देवता को मनाने के लिए जिंदा आदमी की शव यात्रा निकाली गई। इसमें पूरा गांव उमड़ पड़ा |
परम्परानुसार ग्रामीणों ने एक जिंदा व्यक्ति को मुर्दे की तरह सजाकर उसे अर्थी पर लिटाया | फिर अर्थी को गांव का भ्रमण कराया गया | गांव के मुक्तिधाम के करीब रास्ते में परंपरा अनुसार शव यात्रा को रोककर मुर्दे को पानी दिया गया | इस दौरान मृतक व्यक्ति की शव यात्रा में माहौल गमगीन दिखाई दिया | इसके बाद एक बार फिर अर्थी को कंधे पर रखा गया | लेकिन पानी पीने के बाद मुर्दे में जान आ गई | वो बोल उठा, जिन्दा हूँ मैं जिंदगी के लिए | इस टोटके को आजमाने के बाद शव यात्रा में शामिल लोग खुशी से नाचने लगे | ढोल धमाकों की धून में महिलाये भी खूब थिरकी | लोगों का मानना है कि इस तरह से शवयात्रा निकालने से इंद्र देवता प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है।