छत्तीसगढ़ फर्जी सेक्स सीडी कांड: जब सीडी सार्वजनिक और वायरल ? विशेष अदालत में आखिर क्यों अश्लील सीडी बांटने के सबूत नहीं दे सकी सीबीआई ? क़ानूनी दांवपेचों की चार्जशीट, हाईकोर्ट की शरण में जाने की सुगबुगाहट तेज…

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दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के फर्जी सेक्स सीडी कांड में मुख्य आरोपियों में से एक पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल को 7 साल बाद हुई सुनवाई के पहले ही दौर में ‘बरी’ किये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। राजनैतिक गलियारों में सीबीआई के द्वारा अदालत में पेश चालान को लेकर माथा पच्ची का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री निचली अदालत से मिली फौरी राहत से फूले नहीं समां रहे है, वही वे सीबीआई की कार्यप्रणाली से गदगद भी बताये जाते है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में फर्जी सेक्स सीडी कांड की गूंज अब तक सुनाई दे रही है।

इस मुद्दे पर बीजेपी के नेतृत्व वाली तत्कालीन डॉ. रमन सिंह सरकार को फजीहत झेलनी पड़ी थी। यही नहीं सेक्स सीडी कांड के मुख्य आरोपी के अचानक सस्ते में छूट जाने से बीजेपी के भीतर भी गहमा-गहमी देखी जा रही है। पीड़ित पक्षकार निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे है। इस मुद्दे से प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है। लोगों की जुबान पर है, क्या पीड़ित पूर्व मंत्री को न्याय मिल पायेगा ? जानकारी के मुताबिक निचली अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पेश यह तर्क कि विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के विरोध में सिर्फ सीडी लहराई थी, बनाई या बांटी नहीं थी ? क़ानूनी दांवपेच की अहम् कड़ी मानी जा रही है।

बताते है कि अदालत में आरोपी बघेल यह साबित करने में कामयाब रहे है कि सीडी निर्माण के खेल में उनकी कोई भूमिका नहीं है। जबकि अभियोजन पक्ष ‘सीबीआई’ की चार्जशीट में बघेल के खिलाफ दर्ज आरोप आखिर क्यों खरे नहीं उतरे, इस पर मंथन जारी है, दोनों पक्षों की दलीलें गौरतलब बताई जा रही है। मामले पर नजर रखे कानून के जानकार तस्दीक करते है कि सुनवाई के बाद बचाव पक्ष की दलीले ख़त्म होते ही अदालत ने अपने फैसले में साफ़ कर दिया था कि सीडी बांटने के सबूत नहीं दे सकी सीबीआई, कथित आरोपी ने विनोद की गिरफ्तारी के विरोध में सिर्फ सीडी लहराई थी, बनाई या बांटी नहीं थी।

मंगलवार को रायपुर की सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 पेज के अपने फैसले में उन तथ्यों का जिक्र किया है, जो आरोपी बघेल को राहत देने के आधार साबित हुए है। सीबीआई अदालत में साबित ही नहीं कर पाई कि तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपे ने अश्लील सीडी बांटी थी। उनके खिलाफ ठोस सबूत भी एजेंसी नहीं जुटा पाई। बताते है कि सीबीआई के गवाहों ने अपने पूर्व के तर्कों-बयानों से कन्नी काट ली थी, जिन्हें गवाह बनाया गया था, उन्होंने कोर्ट में कहा है कि सीडी की प्रति किसने दी थी, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। बचाव पक्ष ने कोर्ट में तर्क दिया है कि योगेश शेंडे, विकास तिवारी और जयप्रकाश त्रिपाठी का सीबीआई ने बयान दर्ज किया था। इन तीनों ने अपने बयान में कहा है कि सीडी की प्रति किसने दी है ? इसकी जानकारी नहीं है।

जानकारी के मुताबिक तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के सरकारी आवास में 27 अक्टूबर 2017 की सुबह 6 बजे प्रेस कांफ्रेंस रखी गई थी। इसके बाद मचे राजनैतिक तूफान से तत्कालीन बीजेपी नेता और PWD मंत्री राजेश मूणत की साख पर गहरा धक्का लगा था। बीजेपी सरकार ने सीबीआई को मामला सौंप कर असली गुनहगारों को खोज निकालने की कमान दी थी। अब निचली अदालत के फैसले के बाद सीबीआई की चार्जशीट का परिक्षण भी शुरू हो गया है।

जानकारी के मुताबिक अदालत ने पांचों आरोपी और अभियोजन के तर्को से रूबरू होने के बाद फैसला सुनाया है। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि बघेल दिल्ली में विजय भाटिया के साथ होटल में रुके थे। उसका तर्क, अपराधी के साथ रहने से अपराध साबित नहीं होता है ? गौरतलब बताया जाता है। बचाव पक्ष के मुताबिक कोर्ट ने माना कि सीबीआई ने जो गवाह पेश किए हैं, उनके बयान से भी अश्लील सीडी बांटना साबित नहीं होता है। इसके साथ ही, दो व्यक्तियों के बीच होने वाले फोन कॉल से किसी भी संदेह को उत्पन्न होना नहीं कहा जा सकता है।

चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष बघेल का अन्य आरोपियों के साथ होना, जो सीबीआई की ओर स्थापित किया गया था, इससे भी किसी प्रकार की आपराधिक साजिश किए जाने का अभाव बचाव पक्ष द्वारा अपनी दलीलों में दिया गया है। कानून के जानकारों के मुताबिक अदालत ने साफ़ किया है कि चार्जशीट में अश्लील सीडी वितरण किए जाने वाले तथ्यों का अभाव है। इससे दोष सिद्ध होने की संभावना नहीं है, इसलिए आरोपी को धारा 469, 471, 120 बी और धारा 67 आईटी एक्ट के अपराध से उन्मोचित किया जाता है। फ़िलहाल, इस प्रकरण में सीबीआई के तर्क भी क़ानूनी तकाजे में तौले जा रहे है। आसार जाहिर किये जा रहे है कि जल्द ही अभियोजन पक्ष कोई बड़ा फैसला ले सकता है।