मलकानगिरी / कोरोना का खौफ सामाजिक संबंधों पर भी भारी पड़ रहा है | कई राज्यों में संक्रमितों के शव अपने कब्जे में लेकर सरकार अंतिम संस्कार कर रही है, तो कई राज्यों में पीड़ित परिजनों को शव सौंप दिए जा रहे है | इस दौरान सामाजिक संबंधों का ताना बाना बिखरा नजर आ रहा है | वे कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों से इतनी अधिक दूरियां बना रहे है कि पीड़ित सोचने पर मजबूर है |
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ओडिशा के मलकानगिरी में एक महिला को अपने पति का अंतिम संस्कार खुद करना पड़ा | क्योंकि अंतिम संस्कार के लिए कोई रिश्तेदार सामने नहीं आया था | नतीजतन पीड़ित महिला ने पीपीई किट पहनकर सारी रस्में पूरी की | इस दौरान मेडिकल स्टाफ ने उसकी सहायता भी की | इस दृश्य को देखने के बाद लोगों की आंखे नम हो गई |
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ओडिशा के मलकानगिरी जिले के नक्सल प्रभावित इलाके के मैथिली ब्लॉक में मंडापल्ली गांव में कृष्णा नायक शख्स की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई | वे इस ब्लॉक में एजुकेशन ऑफिसर के पद पर तैनात थे | अचानक उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें जेपोर अस्पताल में भर्ती कराया गया था |
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हालत गंभीर होने पर इस अस्पताल ने उन्हें कोरापुट स्थित शहीर लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था | यहाँ भी उसकी हालत गंभीर बनी रही | हालाँकि उनकी कोविड-19 जांच की रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी | यहाँ के डॉक्टरों ने कृष्णा नायक को विशाखपट्टनम शिफ्ट करने को कहा | परिजन उन्हें विशाखापट्टनम ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया |
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अस्पताल ने कृष्णा नायक का शव उनके घर भेज दिया | लेकिन अंतिम संस्कार के लिए उनके घर ना तो कोई रिश्तेदार आया और ना ही सहायता के लिए पडोसी सामने आये | बताया जाता है कि सबको कोविड-19 के संक्रमण का डर था | लिहाजा किसी ने उनकी सहायता नहीं की | इस दौरान कृष्णा की पत्नी ने कई पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी संपर्क किया था | जब किसी ने उसकी पुकार नहीं सुनी तो इस महिला ने खुद अपने पति का अंतिम संस्कार करने की हिम्मत जुटाई |
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उसने एंबुलेंस बुलाकर कुछ मेडिकल स्टाफ की मदद से जंगल में शव को ले गई | फिर सारी रस्में निभाते हुए पति की अर्थी को कंधा दिया | उसने मेडिकल कर्मियों की तरह खुद भी पीपीई किट पहना हुआ था | कृष्णा नायक की पत्नी ने मेडिकल कर्मियों के सहयोग से चिता सजाई, फिर पति को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया |