दिल्ली/रायपुर:- छत्तीसगढ़ में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए एक नया दांव सामने आया है. जानकारी के मुताबिक़ कांग्रेस के भीतर मुस्लिम नेताओं ने छत्तीसगढ़ में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग पार्टी आलाकमान के समक्ष रखी है. इसके तहत कहा जा रहा है कि, उत्त्तर प्रदेश चुनाव के दौरान ही इस मांग को पूरा करने का एलान किया जाए ताकि चुनाव वाले सभी पांचो राज्यों में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सके.कहा गया है की हाल ही के वर्षों में मुस्लिम मतदाताओं का बड़ा वर्ग कांग्रेस छोड़ अन्य पार्टियों की तरफ रुख कर गया है. अगर छतीसगढ़ में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग स्वीकार की जाती है तो इस समुदाय में इसका अच्छा संदेश जाएगा.
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उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस छोड़ सपा,बीएसपी,आम आदमी पार्टी और अन्य दलों में शिफ्ट हुआ है. ऐसे में मुस्लिम वोटरों को वापस कांग्रेस का रुख करने के लिए छतीसगढ़ में मुस्लिम मुख्यमंत्री का फार्मूला कारगर साबित होगा. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि, इस प्रतिनिधि मण्डल ने प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी दोनों से अलग-अलग मिलकर कैबिनेट मो. अकबर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है. मांग पत्र में यह भी कहा गया है कि मंत्री जी को शासन और राजकाज चलाने का लंबा अनुभव है. उनकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता प्रत्येक वर्ग में है. पार्टी के आम कार्यकर्ता और संगठन को भी नेतृत्व बदलाव से आपत्ति नहीं है. पार्टी आलाकमान को इस ज्ञापन के सौपे जाने की खबर ऐसे पर समय आई है जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद चुनाव प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश में मौजूद थे. प्रचार ख़त्म करके वे अपने पुत्र के विवाह का निमंत्रण देने 10जनपथ भी पहुचे थे उनके दिल्ली से रायपुर आने के दौरान ही कांग्रेस के राजनैतिक गलियारों में इस ज्ञापन और प्रतिनिधि मंडल की चर्चा छिड गई है.
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यह भी चर्चा है की उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद छतीसगढ़ में नए राजनैतिक समीकरण बनने के आसार है प्रदेश में ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस के अंदरखाने में पहले से ही राजनैतिक सरगर्मियां तेज़ हैं. सत्ता के बंटवारे को लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव आमने सामने है. लेकिन अब इस दौड़ में कैबिनेट मंत्री मो. अकबर का भी नाम जुड़ गया है. सूत्र बता रहे हैं की मुस्लिम प्रतिनिधि मण्डल की मांगो को आलाकमान ने विचारार्थ स्वीकार किया है. हालाकि इस प्रतिनिधि मण्डल ने पार्टी आलाकमान से मुलाक़ात के बाद मीडिया से दूरी बनाए रखी. इसमें शामिल नेताओं ने इस मामले में नो कमेन्ट कहते हुए मौके पर मौजूद पत्रकारों से कन्नी काट ली. इसके चलते कांग्रेस के गलियारे में एक नई राजनैतिक बहस छिड गई है.
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उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार कांग्रेस ने सभी 403 सीट पर चुनाव लड़ने का एलान किया है.उसने पहले और दूसरे चरण के लिए पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. इसमें मुस्लिम उम्मीदवारों की दावेदारी को तरजीह दी गई है. उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पाने के लिए कांग्रेस जी जान से जुडी है. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रत्याशी चयन और चुनाव प्रचार में बागडोर खुद अपने हांथों में थाम रखी है. मुस्लिम नेताओं के अलावा ओबीसी और दलित नेताओं को साधने के लिए प्रियंका गांधी की सोशल इंजीनियरिंग चर्चा में है. कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग पर पार्टी आलाकमान की मुहर लगती है तो उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाता एक बार फिर कांग्रेस के साथ खड़े नजर आएंगे.
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उत्तर प्रदेश में 21 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर अपनी मनपसन्द पार्टी के पक्ष में मतदान करते है. उनका एकतरफा वोट अभी तक सपा की झोली में जाता था. लेकिन इस बार बीएसपी और आम आदमी पार्टी ने भी इसमें सेंधमारी की है.ऐसे समय में कांग्रेस आलाकमान मुस्लिम नेताओं की प्रत्येक मांगों को गम्भीरता से ले रही है. सूत्र यह भी बताते है कि छतीसगढ़ में फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पार्टी आलाकमान ज़ल्दबाज़ी में नहीं है.