आखिर क्या है ये ‘सॉफ्ट सिगनल’ ? जिसे लेकर क्रिकेट जगत में खड़ा हो गया है नया विवाद, मैच के बाद कोहली ने अंपायरों पर निकाली जमकर भड़ास

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अहमदाबाद / भारत ने इंग्लैंड को चौथे टी-20 में 8 रन से हरा दिया है। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने 5 मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर कर ली है। भारत के लिए सूर्यकुमार यादव ने सबसे ज्यादा 57 रन बनाए। वहीं, शार्दूल ठाकुर ने 3 विकेट लेकर इंग्लिश टीम को टारगेट तक नहीं पहुंचने दिया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी कर भारतीय टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 185 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड टीम 20 ओवर में 8 विकेट पर 177 रन ही बना सकी।सीरीज का आखिरी मुकाबला शनिवार को इसी मैदान पर खेला जाएगा। चौथा टी20 तो भारत के पक्ष में खत्म हो गया लेकिन ये मैच अपने पीछे एक बड़ा विवाद और कई सवाल छोड़कर चला गया। विवाद ‘थर्ड अंपायर’के फैसलों और सॉफ्ट सिगनल  से जुड़ा।  आखिर ये सॉफ्ट सिगनल है क्या और मैच में ऐसा क्या कुछ हुआ कि मैदान पर कप्तान विराट कोहली भी भड़क उठे और मैच के बाद बयान देकर विरोध भी दर्ज कराया। गुरुवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले के बाद भारतीय कप्तान ने कहा कि वह समझ नहीं पाए कि आखिर जब फील्डर खुद ही इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं था कि उसने कैच किया है या नहीं तो मैदानी अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल आउट क्यों दिया।

मामला सूर्यकुमार यादव के विकेट से शुरू हुआ था। सूर्यकुमार यादव का सैम करेन पर फाइन लेग पर लगाया गया छक्का उनके आत्मविश्वास का प्रतीक था लेकिन उन्हें अगली गेंद पर विवादास्पद तरीके से आउट दिया गया। डेविड मलान ने बाउंड्री पर उनका कैच लिया जिसमें रीप्ले से साफ लग रहा था कि गेंद ने जमीन को छुआ है लेकिन कई एंगल से टीवी रीप्ले देखने के बाद भी तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का ‘सॉफ्ट सिगनल’ आउट का फैसला बने रहने दिया। इसके बाद इसी तरह से अंतिम ओवर में बाउंड्री के करीब आदिल राशिद द्वारा वॉशिंगटन सुंदर का कैच लिया गया जबकि उनका पैर बाउंड्री से छू गया था। यहां भी ऐसे ही थर्ड अंपायर ने आउट का फैसला बरकरार रखा।

कोहली ने मैच प्रजेंटेशन के दौरान कहा, ‘टेस्ट सीरीज में एक ऐसा वाकया हुआ था जब अजिंक्य रहाणे ने गेंद को कैच किया था लेकिन वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं थे। जब बात करीबी हो तो सॉफ्ट सिग्नल काफी अहम बन जाता है। मुझे समझ नहीं आता कि अंपायर्स के लिए भी ‘मुझे पता नहीं’ जैसा कोई सिग्नल क्यों नहीं है। खेल के लिए ऐसा करना जरूरी है। लेकिन हम मैदान पर हर फैसले में स्पष्टता चाहते हैं।’

भारतीय पारी के दौरान अंपायर के दो फैसले विवादों में रहे। ये फैसले 50-50 थे और किसी भी टीम के पक्ष में जा सकते थे। सूर्यकुमार यादव ने सैम करन की गेंद पर रैंप शॉट खेला लेकिन डेविड मलान ने कैच कर लिया। रीप्ले मे दिख रहा था कि गेंद शायद जमीन को छू गई है हालांकि तीसरे अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल के आधार पर ‘सबूतों के अभाव में’ बल्लेबाज को आउट करार दिया।भारतीय पारी के आखिरी ओवर में वॉशिंगटन सुंदर ने अपर कट खेला जिसे आदिल रशीद ने थर्ड मैन बांउड्री पर पकड़ा। हालांकि रीप्ले में दिख रहा था कि रशीद का पैर बाउंड्री को छू रहा है लेकिन तीसरे अंपायर वीरेंदर शर्मा ने मैदानी अंपायर के फैसले को सही ठहराया।

दरअसल, जब किसी कैच या किसी भी तरह के विकेट को लेकर पेचीदा व असमंजस की स्थिति बनती है, तब मैदानी अंपायर को अपना एक फैसला लेना होता है, उसके बाद ही वो थर्ड अंपायर से इसको दोबारा चेक करने की मांग करता है। थर्ड अंपायर तमाम एंगल से टीवी रीप्ले देखता है और उसे लगता है कि ये आउट नहीं है तो वो मैदानी अंपायर का फैसला पलटते हुए इसे नॉटआउट करार दे सकता है। जबकि सॉफ्ट सिगनल नियम ये कहता है कि अगर तमाम कोशिशों के बावजूद थर्ड अंपायर को कोई ठोस सबूत नहीं मिलता तो वो अंपायर को उसके सॉफ्ट सिग्नल यानी पुराने फैसले को बरकरार रखने को कह देता है।

सूर्यकुमार यादव के मामले में यही हुआ। मैदानी अंपायर ने सूर्यकुमार को कैच आउट करार दे दिया था लेकिन कैच को लेकर असमंजस की स्थिति बनी। थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा ने कई बार इस कैच को रीप्ले में देखा और अंत में जब उनके मुताबिक कोई ठोस सबूत नहीं दिखा तो उन्होंने सॉफ्ट सिग्नल के साथ जाने का आदेश दे दिया। यानी सूर्यकुमार आउट करार दिए गए।

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आईसीसी से की गई मांग
मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे तमाम पूर्व दिग्गजों ने भी थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा के इस फैसले को अजीब करार दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस फैसले में बदलाव करना चाहिए। कप्तान कोहली ने भी मैच के बाद यही कहा कि इसमें बदलाव जरूरी है क्योंकि एक फैसला मैच पलट सकता है। सोशल मीडिया पर भी वीरेद्र सहवाग से लेकर वसीम जाफर तक, कई दिग्गजों ने इस सॉफ्ट सिग्नल नियम पर सवाल खड़े किए।