पश्चिम बंगाल भाजपा की वरिष्ठ नेता अग्निमित्रा पॉल की उस समय फजीहत हो गई, जब आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने उनके खिलाफ अचानक वापस जाओ के नारे लगाने शुरू कर दिया। बता दें कि जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के पास धरना दे रहे थे, इस दौरान अग्निमित्रा पॉल के वहां से गुजरने के दौरान ये वाकिया हुआ।
हालांकि, भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि वह विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए वहां नहीं गई थीं, बल्कि वह बस पास के भाजपा कार्यालय जाने के लिए इलाके से गुजर रही थीं। वहीं इस मामले में आरोप है कि अग्निमित्रा पॉल ने अपने सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों के साथ विरोध स्थल में घुसने का प्रयास किया।
हालांकि, उन्होंने पत्रकारों से कहा: मैं विरोध प्रदर्शन में भाग लेने या इसे राजनीतिक रंग देने के लिए वहां नहीं गई थी। मैं भाजपा कार्यालय जाने के लिए उस इलाके से गुजर रही थी, जो पास में ही है। छात्रों के आंदोलन के कारण पार्टी कार्यालय के दोनों छोर की सड़कें बंद थीं। मैं जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हूं, मैं उनके साथ शामिल होने वहां नहीं गई थी।
जबकि आंदोलनकारी डॉक्टरों में से एक ने दावा किया कि अग्निमित्रा पॉल आंदोलन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही थीं। वहीं मामले में एक डॉक्टर ने कहा कि वह विरोध स्थल के पास खड़ी होकर मीडिया से बात कर रही थीं। वह बिना कोई बयान दिए आसानी से गुजर सकती थीं। वह एक राजनीतिक टिप्पणी कर रही थीं, यही वजह है कि हमने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए।
मंगलवार से स्वास्थ्य भवन के बाहर धरने पर बैठे थे जूनियर डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले को कथित तौर पर गलत तरीके से संभालने के लिए वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों और कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की मांग कर रहे थे।