दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर चुनावी विवाद खड़ा हो गया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने राजधानी में दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकरण कराया है. इसी आधार पर चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) ने उन्हें नोटिस जारी किया है. बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है, जबकि खेड़ा ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है.
दिल्ली के नए नोटिस में साफ कहा गया है कि पवन खेड़ा का नाम राजधानी के दो निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज है और उनके पास दो अलग-अलग ईपीआईसी (EPIC) नंबर हैं. ईआरओ ने नोटिस में लिखा है कि ‘आपका नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत दंडनीय अपराध है.’ साथ ही उन्हें कारण बताने के लिए कहा गया है कि क्यों उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई न की जाए. बीजेपी ने बोला हमला
यह विवाद उस समय और गरमाया जब बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया कि पवन खेड़ा के पास दो सक्रिय वोटर आईडी कार्ड हैं. मालवीय ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ धोखाधड़ी बताते हुए चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की. बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरे चेहरे और ‘वोटर कार्ड घोटाला’ चलाने का आरोप लगाया है.
पवन खेड़ा ने किया पलटवार
पवन खेड़ा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर चुनाव आयोग की मतदाता सूची में त्रुटियां हैं तो इसकी जिम्मेदारी उन पर क्यों डाली जा रही है. खेड़ा ने यहां तक आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है और विपक्षी नेताओं को टारगेट कर रहा है.
राहुल गांधी का बयान और बढ़ती सियासत
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि पार्टी जल्द ही ‘वोट चोरी’ पर बड़ा खुलासा करेगी, जिसे उन्होंने ‘हाइड्रोजन बम’ करार दिया. राहुल ने दावा किया था कि इस खुलासे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का सामना नहीं कर पाएंगे. ऐसे में खेड़ा पर नोटिस ने कांग्रेस और बीजेपी की सियासी लड़ाई को और तीखा बना दिया है.
