रायपुर. छत्तीसगढ़ में आम जनता ही नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सुखद खबर आने वाली है। राज्य में संविदा नियुक्ति पर बैन लगने के आसार बढ़ गए है। माना जा रहा है कि विष्णुदेव साय सरकार जल्द ही संविदा नियुक्ति पर पाबंदी लगाने वाली है,इसे लेकर मंथन का दौर जारी बताया जा रहा है। सूत्र बताते है कि संविदा पर नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थान पर अब कार्यरत कर्मियो-अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाएगा। इससे विभागीय पदोन्नति और नियमो का पालन सुनिश्चित होगा।
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अधिकारियो और कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर प्रभावशील लोक सेवको को संविदा नियुक्ति देने की नई परंपरा शुरू हों गई है। इनसे उन लोक सेवको की पदोन्नति बाधित हो रही थी,जो रिटायर नहीं हुए है। संविदा नियुक्ति के ज्यादातर मामलो को लेकर गतिरोध देखा जा रहा है। बताते है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में संविदा पर नियुक्त किए गए ज्यादातर अधिकारियो ने सिर्फ घोटालों को अंजाम दिया था। शराब और कोल खनन घोटाला हो या फिर अन्यत्र दूसरे सरकारी विभागों में घटित भ्रष्टाचार के मामले, इन सभी में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है।
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दरसल संविदा पर नियुक्त अधिकारी लोक हित के बजाए अवैध उगाही पर ही जोर देते है। इसका मुख्य कारण उन पर लोक दायित्वों का भार शिथिल होता है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि कुछ एक विशेष पदों को छोड़ शेष सभी संविदा कर्मचारियों – अधिकारियो को जल्द ही उनके पदों से हटाने के निर्देश जारी होने वाले है। इस मामले को लेकर मंत्रालय में हड़कंप है। बताते है की पहले झटके में उन संविदा अधिकारियो को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा जिन्होंने पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस का चोला ओड लिया था।