सुनील नामदेव
नई दिल्ली/मुंबई: Vijay Mallya: देश की संसद में एक ओर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जोर आजमाइश का दौर जारी है, इस बीच मुंबई से बड़ी खबर आ रही है। यहाँ की एक विशेष अदालत ने पूर्व कांग्रेसी सांसद और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह गैर जमानती वारंट विजय माल्या के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के मामले से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक अदालत ने पूर्व कांग्रेसी सांसद के खिलाफ 29 जून को गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन इसका आदेश अब सामने आया है। उधर गिरफ्तारी वारंट जारी होते ही एजेंसियां हरकत में आ गई है। विदेश मंत्रालय भी अलर्ट मोड़ पर है। बताते है कि इन दिनों माल्या लन्दन में ठाठ – बाट से रह रहे है।
हाल ही में उनके पुत्र सिद्धार्थ की महँगी शादी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस शादी में 300 करोड़ की लागत आई थी। फ़िलहाल केंद्र सरकार ने आरोपी माल्या की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए है। उधर सीबीआई ने कहा कि माल्या ने जानबूझकर सरकारी बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया है। मुंबई की विशेष अदालत ने सीबीआई की दलीलों को सुनने के बाद गैर जमानती वॉरेंट जारी किया। विजय माल्या कों पूर्व में भगोड़ा घोषित किया जा चूका है।
अदालत ने इस स्थिति के आधार पर कहा कि ‘माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए यह मामला बिल्कुल उपयुक्त है, ताकि उनकी अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।’ सीबीआई ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि जांच में पता चला कि दिवालिया एयरलाइंस किंगफिशर के प्रमोटर विजय माल्या ने जानबूझकर सरकारी बैंक से लिए 180 करोड़ रुपये के कर्ज को नहीं चुकाया था।
विभिन्न मामलों में ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग केस में विजय माल्या पहले ही भगोड़े घोषित हो चुके हैं। न्यूज़ टुडे नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक, लंदन में भारत सरकार ब्रिटेन की सरकार से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी है। न्यूज़ टुडे संवाददाता ने कोर्ट में पेश चार्जशीट के अवलोकन के बाद माल्या पर लगे आरोपों का खुलासा किया है। चार्जशीट के अनुसार, विजय माल्या ने साल 2007 से 2012 के बीच उस वक्त संचालित हो रही किंगफिशर एयरलाइंस के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक से 180 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2010 में एसबीआई बैंक को विमानन क्षेत्र के लिए एकमुश्त उपाय के लिए किंगफिशर एयरलाइंस के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक समेत 18 बैंकों के संघ ने किंगफिशर एयरलाइंस के साथ एमडीआरए समझौता किया था। आरोप लगाया गया है कि किंगफिशर के प्रमोटर विजय माल्या ने धोखाधड़ी के इरादे से पुनर्भुगतान दायित्वों को जानबूझकर पूरा नहीं किया था। इससे बैंक को 141.91 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यही नहीं धोखाधड़ी कर कर्ज को शेयरों में बदलने के कारण 38.30 करोड़ का अतिरिक्त नुकसान हुआ था। बंगलुरु में निवासरत कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद विजय माल्या ने मार्च 2016 में अचानक भारत छोड़ ब्रिटेन की शरण ली थी। उन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सिफारिश पर पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था। वे संसद में भी सुर्ख़ियों में रहे।
उनकी खास जीवन शैली पर हर साल, नए वर्ष के मौके पर कैलेंडर भी जारी किया जाता था। इसमें देश – विदेश की नामी – गिरामी मॉडल और अभिनेत्री माल्या के साथ ‘गलबहियां’ मिलाते नजर आती थी। यही नहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने देश के विभिन्न बैंकों से माल्या के हितों को ध्यान में रखते हुए सैकड़ों करोड़ का लोन दिलवाया था। माल्या की एयरलाइन्स किंगफ़िशर ने शुरूआती दौर में खूब लाभ कमाया था। लेकिन कमाई का बड़ा हिस्सा ब्रिटेन और लन्दन में निवेश किया गया।
इस दौरान बैंक वसूली का नोटिस जारी होते ही माल्या ने सहपरिवार लंदन का रुख कर लिया था। जनवरी 2019 में माल्या के खिलाफ कई कर्ज न चुकाने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपराध दर्ज किया गया था। वे मुख्य आरोपी बनाये गए थे। फ़िलहाल संसद में जारी गतिरोध के बीच माल्या प्रकरण ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। इस मामले के लोकसभा में एक बार फिर उठने के आसार बढ़ गए है। माल्या प्रकरण में बीजेपी को कांग्रेस के खिलाफ बड़ा हथियार, हाथ लग गया है।