बालाघाट/रायपुर – छत्तीसगढ़ की सरहद से सटे बालाघाट में बारिश से बुरा हाल है | जिले की सभी नदियाँ “उफान” पर है | जबकि तालाब और कुंए पानी से लबालब | ग्रामीण इलाकों के कुछ डेम तो अत्यधिक पानी भर जाने से “समुद्र” की तरह “उफान” मार रहे है | जबरदस्त बारिश और बाढ़ की वजह से दो लोगों के लापता होने की खबर है | बताया जाता है कि अंचल की वैनगंगा , बाघ , पार्वती , सोन नदी , बावनथड़ी , घिसर्री और देव नदी में बाढ़ के हालात है | वहीँ खतरे को भांपते हुए गोताखोरों , होमगार्ड्स के जवानों और NDRF को सतर्क किया गया है | मौसम विभाग से सतत संपर्क बनाये हुए स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों , खासतौर पर नदियों के किनारे बसे गांव को खाली कराना शुरू कर दिया है | अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अगले 24 घंटों में यदि फिर “इंद्र देवता” मेहरबान रहे तो हालात बिगड़ सकते है | फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है | बालाघाट से सटे सिवनी जिले के “भीमगढ़ बांध” के खतरे के निशान पर पहुंच जाने के चलते उसके सभी गेट खोल दिए गए है | इसके चलते सिवनी और बालाघाट की सभी नदियों में पानी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है | दोनों ही इलाकों से महाराष्ट्र के गांव का “सड़क” संपर्क भी टूट गया है | हालांकि “रेल सेवाएं” फ़िलहाल नियमित है |

उधर औसत से लगभग 90 फीसदी अधिक बारिश होने से बालाघाट जिले के शहरी और ग्रामीण अंचलों में जन-जीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है | निचली बस्तियों के अलावा पक्के घरों में भी बारिश का पानी घुस आया है | खेत-खलियानों का तो और बुरा हाल है | ये किसी बड़े “तालाब” की तरह नजर आने लगे है | ग्रामीण इलाकों की कच्ची सड़कों पर आवाजाही लगभग ठप्प हो चुकी है | कई इलाकों में कच्चे घरों के टूटने और लंबे समय से “बिजली गुल” होने की भी खबर है | भारी बारिश के चलते उत्पन समस्या को देखकर अब लोग “इंद्र देवता” से “राहत” की गुहार लगा रहे है |

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरहद पर बसे कई गांव में मानसून के देर से दस्तक देने के चलते स्थानीय ग्रामीण और किसानों ने अपने अपने गांव में कभी “वरुण यज्ञ” किया था , तो कभी “टोटका” आजमाने के लिए “मेंढक मेंढकी” की शादी तक कराई थी | उन्हें विश्वास था कि अच्छी बारिश के लिए अपनाये जाने वाले इन “नुस्खों” से “इंद्र देवता” प्रसन्न होते है और वो “झमाझम” बारिश का “वरदान” देते है | इसे संयोग ही कहा जाये कि स्थानीय परम्पराओं का पालन करने के उपरांत इलाके में पहले सामान्य और फिर औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई थी | लेकिन ज्यादातर इलाकों में पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने अपने पिछले तमाम रिकार्ड तोड़ दिए है | अत्यधिक बारिश होने के चलते कई लोगों की जान पर बन आई है | हैरान परेशान लोग अब उन “मेंढक मेढ़कियों” को ढूंढ निकाल कर अलग अलग कर रहे है , जिन्होंने कुछ दिनों पूर्व ही उनकी शादी कराई थी | कई गांव में तो ग्रामीणों ने उन कुओं का रुख किया जहां उन्होंने शादी के बाद “मेंढक मेंढकी” को पानी में उतारा था | वही दूसरी ओर बालाघाट में “उफान” मार रही नदियों के “पुलों” पर लोगों का तांता लगा हुआ है | उफनती नदी में पानी का बहाव देखने के लिए बड़ी तादात में लोग जुट रहे है | कई लोग यहां सेल्फी ले रहे है तो कई मौसम का लुफ्त उठा रहे है |
