Video : छत्तीसगढ़ का वो इलाका जहाँ ग्रामीणों को अपने बच्चो की शिक्षा के लिए एक ढेला भी खर्च नहीं करना पड़ता | गुणवक्ता वाली शिक्षा,खाना पीना सब कुछ फ्री |

0
4

ये नजारा उस स्कुल का है, जहाँ ये बच्चे अपनी भविष्य की नीव मजबूत करने में जुटे हुए है | आमतौर पर ग्रामीण जन जीवन  और परिवेश में रहने वाले ये बच्चे अब उसी दिशा में ढल रहे हैं जैसे की महानगरों के बच्चे | ये बच्चे शहरी स्कूलों के बच्चो की तर्ज पर ढल रहे है | मसलन पढ़ाई लिखाई के साथ साथ खेलकूद और सर्वांगीण विकास की थ्योरी पर अपने आप को तैयार कर रहे है | कोई भी किसी से पीछे नहीं | और हाँ लड़की हो या लड़के दोनों में कोई फर्क नहीं | दूर से इस स्कुल की ईमारत मेट्रो सिटी के स्कूलों की तरह नजर आती है | लेकिन इस स्कुल ने अपने भीतर उन ग्रामीण परिवेश के बच्चो को  समाहित कर रखा है जिनके परिजन बेहतर भविष्य का सपना देख रहे है | इस स्कुल में बच्चो की पूरी जीवन शैली बदली जा रही है , ताकि भविष्य में वे ना केवल अच्छे नागरिक बने बल्कि अपने सपनो को साकार कर सके | प्रतियोगी परीक्षाओ में बाजी मारने के गुर इन्हे अभी से सिखाये जा रहे है | अपनी मात्र भाषा में दक्षता हासिल करने के साथ साथ इन्हे हिंदी और अंग्रेजी की बेहतर शिक्षा दी जा रही है | 

 कहते है कामियाबी की उड़ान भरी जाती है होसलो के पंखो से | यहाँ इन बच्चो के हौसले ही तो  बुलंद किया जा रहे है |  मानव संसाधन का विकास हमारी और हमारी देश की पहली जरुरत है | और यह केवल शिक्षा से ही संभव है | मानव संसाधन यदि विकसित हो जाए तो अन्य संसाधनों का विकास आसानी से किया जा सकता है |  शिक्षा की गुणवक्ता और व्यापकता ही प्रदेश के चौमुखी विकास की दिशा तय करते है | इसी मूल मंत्र को आधार बना कर अडानी फाउंडेशन ने इस स्कुल की स्थापना की है | ग्रामीण परिवेश में जीवन यापन कर रहे इन बच्चो के नैतिक और सामाजिक विकास की जवाबदारी यहाँ के शिक्षक बखूबी उठा रहे है | 

बच्चे देश का भविष्य है और भविष्य में देश का परिदृश्य कैसा होगा यह बच्चो की शिक्षा पर ही निर्भर करता है | बच्चो को शिक्षा एवं स्वास्थ की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना समाज का दायित्त्व है | इसमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए | लिहाजा अडानी फाउंडेशन ने इस स्कुल में बच्चो को पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया है | एक तरह से यह स्कुल डे-बोर्डिंग की तर्ज पर संचालित हो रहा है | अनुशासन को आचरण में ढाले बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता | इसलिए किताबी ज्ञान के साथ साथ इन बच्चो में प्रभावी व्यक्तित्व , ईमानदारी, अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनशीलता और नेतृत्व क्षमता के गुणों को विकसित करने की शिक्षा इसी उम्र से दी जा रही है | पहले इस इलाके में गुणवक्ता वाली शिक्षा का अभाव तो था ही , साथ ही ज्यादातर बच्चे कुपोषित  थे | लेकिन अडानी फाउंडेशन के प्रयास से दोनों ही स्थितियां अब बदल चुकी है | इस पुरे इलाके में शिक्षा का तेजी से प्रसार हो रहा है | जो बच्चे पढ़ाई लिखाई से कतराते थे या फिर स्कुल जाने का नाम सुनते ही  घर से भाग निकला ही मुनासिब समझते थे ऐसे बच्चे अब बाकायदा स्कुल आ रहे है, वो भी रोजाना | यही नहीं कुपोषण की समस्या से भी बच्चो को निजाद मिली है | स्कुल में समय समय पर स्वास्थ परिक्षण और स्वास्थ की बेहतर देखभाल के चलते बच्चे काफी एक्टिव है और मन लगा कर पढ़ाई भी कर रहे है |   

https://youtu.be/XIJfC6TMrMg