Wrestlers Protest: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवान जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. सरकार ने बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए ओवरसाइट कमेटी बनाई है, जिसकी अध्यक्षता मैरी कॉम कर रही हैं. हालांकि पहलवानों का दावा है कि कमेटी बृजभूषण सिंह को बचा रही है.
पहलवानों ने फिर से क्या आरोप लगाए
कमेटी के सामने पेश हुए पहलवानों ने फिर से कुछ आरोप लगाए हैं. उन्होंने कमेटी की कार्यवाही के दौरान की कुछ कथित घटनाओं का जिक्र किया और बताया कि उन्हें अपने उत्पीड़न का वीडियो-ऑडियो प्रूफ देने के लिए कहा गया. आरोप है कि सुनवाई के दौरान समिति के एक सदस्य ने बृजभूषण को पिता जैसा बताया.
तीन पहलवानों ने नाम ना छापने की शर्त पर एक अंग्रेजी वेबसाइट को कमेटी की कार्यवाही से जुड़ी जानकारी दी. एक पहलवान ने बताया कि उससे समिति के एक मेंबर ने कहा कि बृजभूषण सिंह पिता की तरह हैं. खुले तौर पर कहा गया कि पहलवानों ने बृजभूषण के मासूम व्यवहार को गलत समझा. वहीं, एक पहलवान ने बताया कि बृजभूषण सिंह के करीबी रहे फेडरेशन कर्मचारियों की भीड़ सुनवाई की जगह पर जुट गई जो कि इतना डराने वाला था. एक दूसरे पहलवान ने बताया कि पीड़ितों ने बयान देते समय कमरे में केवल समिति की महिला सदस्यों के रहने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया.
पहलवान ने कहा कि पहली सुनवाई से ही समिति ने उन्हें अपनी बात बताया का आत्मविश्वास नहीं दिया, बताया कि पहली सुनवाई से ही कुछ लड़कियां बहुत असहज थीं क्योंकि उन्हें अकेले बुलाया जा रहा था. पहलवान ने बताया कि अगली बार से वह ग्रुप में अंदर गए. एक अन्य पहलवान ने कहा कि एक एक बार सुनवाई के दौरान जब समिति के सदस्यों को पता चला कि वीडियो रिकॉर्डिंग चालू नहीं थी, तो सिंह द्वारा उसका यौन उत्पीड़न कैसे किया गया, यह दोहराने के लिए कहा गया.
एक पहलवान ने कहा कि वे (निगरानी समिति) जल्दी हमारी सुनवाई पूरी करने की कोशिश कर रहे थे. जैसे वे एक कान से हमारी बात सुनना चाहते थे और दूसरे कान से निकाल देना चाहते थे और चाहते थे कि हम जल्दी से समाप्त कर दें. बयान पूरा होने से पहले ही हमें आगे बढ़ने के लिए कहा जा रहा था. उन्होंने हमारी भावनात्मक स्थिति को समझने की कोशिश नहीं की.
एक पहलवान ने अपने सहयोगियों से कहा उन्होंने हमसे पूछा कि क्या हमारे पास वीडियो या ऑडियो सबूत है. उन्होंने कहा, बिना सबूत के हम क्या कर सकते हैं?’ मैंने उन्हें बताया कि यौन उत्पीड़न होने पर कौन सी महिला रिकॉर्ड कर पाएगी. जब आप ऐसा कुछ अनुभव करते हैं तो आप सांस भी नहीं ले सकते.
समिति में मैरी कॉम के अलावा SAI की पूर्व कार्यकारी निदेशक (टीम विंग) राधिका श्रीमन, खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन, मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य और पूर्व शटलर तृप्ति मुरुगुंडे और पहलवान ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता बबीता फोगट शामिल हैं.