छत्तीसगढ़ के बस्तर में हफ्ते भर में हुए तीसरे बड़े हमले में बीजेपी विधायक भीमा मड़ावी समेत उनकी सुरक्षा में तैनात चार जवानो की मौत हो गई | इसी हफ्ते नक्सलियों ने बस्तर में दो और खुनी वारदातों को अंजाम दिया है | इस तरह से नक्सली हमले में मारे गए लोगो की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है | ताज़ा घटना के बाद मतदान कर्मियों से लेकर मतदाताओं की सांसे फूली हुई है | बस्तर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बड़ी तादाद में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है | इसके बावजूद नक्सली हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे है | बताया जाता है कि विधायक भीमा मड़ावी की बुलेट प्रूफ गाडी को उड़ाने के लिए नक्सलियों ने भारी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया था | इसके चलते इस बुलेट प्रूफ गाडी के परखच्चे उड़ गए | बताया जाता है कि विस्फोट की चपेट में आए जवानो की मौके पर ही मौत हो गई | भीमा मड़ावी हाल ही में दंतेवाड़ा विधान सभा सीट से विधायक बने थे | उन्होंने कांग्रेस की आदिवासी नेता देवकी कर्मा को भारी मतों से पराजित किया था | बस्तर की बारह विधान सभा सीटों में से दंतेवाड़ा ही एक मात्र ऐसी सीट थी जो बीजेपी के खाते में दर्ज हुई थी | यहां शेष ग्यारह विधान सभा सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा है |
दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने विस्फोट की पुष्टि करते हुए बताया कि मौके पर अतिरिक्त बल रवाना किया गया है | उनके मुताबिक विधायक भीमा मड़ावी लोकसभा चुनाव के प्रचार में जुटे थे | इसी दौरान कुआकोंडा क्षेत्र के नकुलनार -बचेली मार्ग पर नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया | इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ में राजनैतिक माहौल गरमाने के आसार है | दरअसल नक्सली उन्मूलन अभियान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की नीति में काफी फर्क है | पिछले दौर में जहां राज्य की तत्कालीन बीजेपी सरकार नक्सलियों के खिलाफ रणनीतिक तौर पर काफी आक्रामक थी | वही मौजूदा कांग्रेस सरकार अभी तक नक्सली हिंसा को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाई है | उल्टा कांग्रेस सरकारी की दलील है कि यह आर्थिक सामाजिक समस्या है | इसलिए इलाके के लोगो से मिलकर कोई फैसला लिया जाएगा | राज्य सरकार के इस कदम के बाद बस्तर में नक्सली उन्मूलन अभियान ठप्प पड़ गया है | पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों ने पिछले चार माह में कोई बड़े ऑपरेशन नहीं किए है | ज्यादातर इलाको में सिर्फ ROP की औपचारिकताए पूर्ण कर पुलिस और केंद्रीय सरक्षाबलो के जवान अपने बैरकों में लौट जाते है | इसके चलते नक्सलियों के हौसले बुलंद है और वे एक के बाद एक बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे है |
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है | उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से माओवादियों को मिल रहे संरक्षण के चलते बस्तर में नक्सलियों की तूती बोल रही है | नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मांग की है कि बस्तर में चुनाव स्थगित किया जाए | उन्होंने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है | उधर इस घटना को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई अधिकृत बयान अभी नहीं आया है |