किशोर साहू बालोद [Edited By: ऋतुराज वैष्णव ]
बालोद / 9 दिन तक चलने वाले नवरात्र के 9 दिनों में माता की नौ रूपों की पूजा की जाती है… जहां माता के प्रति लोगों की अटूट आस्था देखने को मिलती है…बालोद जिले के पहाड़ी और जंगलो के बीच स्थित माँ सियादेवी मंदिर में भक्त की अनोखी भक्ति देखने को मिली…जहाँ मां सियादेवी मंदिर में एक भक्त अपने सीने में जोत रख नव दिन के लिए आस्था की जोत जला रही है !
जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर नारागॉव के घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित मां सिया देवी का मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है…खासतौर पर नवरात्रि के नव दिन तक चलने वाले पूजा अर्चना में भक्त दूर दराज से अपनी आस्था का फूल चढ़ाने यहां पहुचते है…और अपनी मन की मुरादें पूरी करते है…जहां पांच हजार साल पूरी माँ सियादेवी की एक झलक पाने नव दिनों तक भक्तों का यहां ताता लगा रहता है | इस नवरात्र माता के मंदिर में 377 ज्योत जलाए गए हैं, जिसमें 56 घी और 321 तेल की ज्योत शामिल है | घनघोर जंगल और पहाड़ियों के बीच स्थित सियादेवी मंदिर की प्राकृतिक झरना को भी देखने दूरदराज से लोग यहां आते हैं और यह सिलसिला नवरात्र के नव दिन ही नही बल्कि साल के 365 दिन जारी रहता है…जहाँ लोग पहुच कर प्राकृतिक झरने का लुफ्त उठाते हैं।
दरअसल भगवान के बनाए इस दुनिया में अनेकों माता के भक्त हैं जो अपने-अपने शक्ति के अनुसार माता के प्रति आस्था रखते है…माँ सियादेवी के प्रति भी लोगो की अटूट आस्था है…यही वजह है कि माता की एक भक्त जमीन में लेट कर अपने सीने में ज्योत रख नव दिन तक के लिए यह ज्योत जला रही है…जिसकी भक्ति को देखने और प्रणाम करने दूरदराज से भक्त माँ सियादेवी के मंदिर पहुच रहे है