किशोर साहू {Edited By: ऋतुराज वैष्णव }
बालोद / छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में नरवा,गरुवा,घुरवा अउ बारी योजना भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रही है | योजना के तहत नाले में निर्माण किए जा रहे एनिकट में बेहद सस्ता और घटिया क्वालिटी का सीमेंट इस्तेमाल किया जा रहा है| यह सीमेंट ललित चन्द्राकर नामक मटेरियल सप्लायर द्वारा सप्लाई की जा रही है | वही इस पूरे मामले में आरईएस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मिडिया को बयान देने से बचते नजर आये |
दरअसल प्रदेश की सत्ता में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में काबिज हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता सम्हालते ही नरवा,गरुवा,घुरवा अउ बारी योजना की शुरुआत की | जिसके तहत नदी, नालों का संरक्षण करने नालों पर एनिकट निर्माण व गांवों में मवेशियों के रख रखाओं के लिए गौठान का निर्माण कराया जा रहा है | बालोद जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत उमरादाह के आश्रित गांव चरोटा के नाले में लगभग 23 लाख की लागत से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा दो एनिकट का निर्माण किया जा रह ,जहाँ इस निर्माण कार्य मे जमकर अनियमितता बरती जा रही है | विभाग द्वारा एनिकट निर्माण में बेहद सस्ता और अमानक सीमेंट का उपयोग किया जा रहा | सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा जिस हीरा सीमेंट का उपयोग कर एनिकट का निर्माण कराया जा रहा वो सीमेंट 100 से 125 रूपये प्रति बोरी के हिसाब से मिलता है | बावजूद इसके विभाग द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार कर कमिशन खाने के चक्कर में लोकल सीमेंट का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नरवा,गरुवा,घुरवा अउ बारी योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे है |

यही नहीं चिलचिलाती इस भीषण गर्मी में जहाँ जनता बूंद-बूंद पानी को मोहताज है ऐसे में निर्माण एजेंसी द्वारा पंचायत प्रतिनिधि से मिलीभगत कर ग्रामीणों को बोर से पीने का पानी दिए जाने वाले नल चालू रख एनिकट निर्माण के लिए पानी दिया जा रहा | हद तो तब हो गई जब एनिकट निर्माण के दौरान मिट्टी खोदने मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को काम दिए जाने के बदले जेसीबी मशीन से मिट्टी की खोदाई कर दी गई | वही इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी तो मीडिया को बयान देने से साफ बच रहे है, जहां निर्माण स्थल पर देख रेख में लगे एक कर्मचारी ने नल से पानी लिए जाने और मनरेगा मजदूरों को काम दिए जाने के बदले जेसीबी मशीन से काम लिए जाने के मामले को कुछ हदतक छुपाने के प्रयास किया गया ।
बहरहाल देखने वाली बात होगी कि क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नरवा,गरुवा,घुरवा अउ बारी योजना इसी तरह आगे भी भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ते रहेगी , या ऐसे जिम्मेदार लापरवाह इंजीनियर, एसडीओ सहित कार्यपालन अभियंता पर कोई कार्यवाही भी होगी |