रायपुर /आमतौर पर किसी भी व्यक्ति के हाव भाव और फीचर्स को समझना सामान्य व्यक्ति के लिए दूर की कौड़ी साबित होता है | लेकिन अब एक ऐसी तकनीक आ गयी है, जिसका फायदा बच्चो से लेकर बडे बूढ़े तक उठा सकते है | इस तकनीक के जरिये वो अपने संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति की ना केवल मानसिक स्थिति समझ सकते है बल्कि उसके दिलो दिमाग में उठने वाले विचारो को भी जान सकते है | इस तकनीक को NLP अर्थात NEURO LINGUISTIC PROGRAMMING कहा जाता है | रायपुर में विशषज्ञों ने इस तकनीक की जानकारी दे कर इसके कई फायदे गिनाये |
रायपुर के एक निजी होटल में चल रही यह कार्यशाला NLP अर्थात NEURO LINGUISTIC PROGRAMMING पर आधारित है | विशेषज्ञ इस तकनीक की बारीकियों की जानकारी दे रहे है | उनके मुताबिक यह एक ऐसी प्रकिर्या, जिसकी मदद से व्यक्ति के शरीर और मष्तिष्क की दुनिया को समझ कर उसे विकसित किया जाता है| यह एक Personal Development तकनीकी है, जो इंसान की समझ को सक्रीय बनाता है | NLP का प्रमुख तत्व यह है, कि यह हमारे पास मौजूद पांचो इंद्रियों के माध्यम से हमारे आन्तरिक और बाहरी जानकारी को फ़िल्टर कर, उसे समझता है और जो हम अपने बारे में और दुनिया के बारे में विचार तथा नजरिया रखते है, उस मानसिक नक्शे को बेहतर बनाने में हमारी मदद करता है|
गौरतलब है कि हमारे शरीर में पायी जाने वाली पांच ज्ञानेन्द्रियाँ क्रमशः आँख , कान , नाक , जीब और त्वचा से हम किसी भी वस्तु की अनुभूति कर सकते है | यह तकनीक इन्ही ज्ञानेन्द्रियों पर आधारित है | प्रत्येक व्यक्ति अपनी इंद्रियों के माध्यम से बाहरी दुनिया से अलग-अलग जानकारी को अवशोषित करता है, और अपने मष्तिष्क में अपने हिसाब से उसे फ़िल्टर करके स्थापित कर लेता है| यह मानसिक नक्शा आंतरिक विचार, ध्वनियों, स्पर्श जागरूकता, आंतरिक उत्तेजना, स्वाद स्वभाव और गंध आदि, कई प्रकार की प्रकिर्याओ को दर्शाता है, जिसे NLP में First Aces कहाँ जाता है | NLP इसी के जरिये ज्ञानेन्द्रियों का पूर्ण विकास कर उन्हें सक्रीय बनाता है |
इस कार्यशाला में हर उम्र और वर्ग के लोगो ने शामिल होकर अपनी जिज्ञासा शांत की | उन्होंने विशेषज्ञों से इन्द्रियों की सक्रियता और उसके पूर्ण विकास को लेकर कई सवाल भी किये | पांच दिवसीय इस सत्र के प्राथमिक चरणों में NLP की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गयी | वर्कशॉप में छात्रों के अलावा नौकरीपेशा और व्यापारी और कारोबार क्षेत्र के लोगो ने हिस्सा लिया | पांच दिनों तक चले NLP कार्यशाला में कई सहभागियों ने अपने अनुभव शेयर किये | इसकी खूबियां गिनाते हुए उन्होंने व्यक्तित्व विकास के लिए इसे जरुरी बताया |
