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VIDEO : सात दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद आरक्षक यज्ञ साहू ने ली अंतिम सांस ,पुलिस अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आरक्षक ने थाने परिसर में किया था आत्मदाह | अंतिम विदाई देने हजारों की संख्या में पहुंचे लोग |

अनिल धृतलहरे बलौदाबाजार [Edited By: ऋतुराज वैष्णव ] 

बलौदाबाजार / बीते 23 मार्च को पुलिस अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर पुलिस थाना परिसर में आत्मदाह करने वाले आरक्षक यज्ञ साहू ने 31 मार्च को रायपुर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली, आपको बता दें कि 70 प्रतिशत जल चुके आरक्षक का रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था,यज्ञ साहू की मौत के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया और परिजन और ग्रामीणों ने आरक्षक यज्ञ साहू को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

फुट फुट कर रोती बीवी और अपनी किस्मत पर बिलखती बुजुर्ग मां …..ये गमगीन माहौल है बलौदाबाजार जिले के पवनी का | आज से 6 साल पहले जब यज्ञ साहू के घरवालों को ये पता चला था कि उनका बेटा अब पुलिस वाला बनकर देश की सेवा करेगा तो यज्ञ का पूरा परिवार खुशी से फुले नहीं समाया था… जिस पुलिस विभाग में नौकरी लगने से यज्ञ का  परिवार अपने आप को गौरान्वित महसूस करता था आज वही परिवार पुलिस विभाग को कोस रहा है। दरसअल पवनी गांव के रहने वाले यज्ञ साहू की पोस्टिंग कुछ दिनों पहले ही गिधपुरी पुलिस चौकी में हुई थी और छुट्टी नहीं मिलने से तंग आकर यज्ञ साहू ने 23 मार्च को थाना परिसर में ही पेट्रोल छिड़कर खुद को आग के हवाले कर दिया था।

सात दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद आरक्षक यज्ञ साहू की आखिरकार मौत हो गयी। यज्ञ साहू के परिजनों के अनुसार वो जब गिरौदपुरी चौकी में पदस्थ था तब थाने का  इंचार्ज एएसआई उसे लागातर परेशान करता था और उसका ट्रान्सफर गिधपुरी  थाने में करवा दिया था |  परिजनों के मुताबिक एसआई ही गिदपुरी चौकी प्रभारी को फ़ोन कर आरक्षक को परेशान करने को बोला था, लगातार चौकी प्रभारियों की प्रताड़ना से तंग आकर यज्ञ साहू ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस विभाग में बढ़ते तनाव और असंतोष को देखते हुए हाल में ही छत्तीसगढ़ में  सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ये घोषणा की थी कि पुलिस वालों को हफ्ते में एक दिन छुट्टी दिया जाएगा, लेकिन यज्ञ साहू की मौत ने छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर सवाल खड़े कर दिया है की आखिरकार पुलिस वालों को हफ्ते में एक दिन मिलने वाली छुट्टी आखिर कहां है? यज्ञ साहू ने आखिरकार अपने उच्च अधिकारियों से अपने हक की मिलने वाली छुट्टी को ही मांगा था लेकिन उसे छुट्टी देने के बजाय उसे प्रताड़ित क्यों किया जा रहा था। क्या पुलिस वालों का परिवार नहीं होता? कई बड़े सवाल इस आरक्षक की आत्महत्या के बाद खड़े हो गए है अब देखना होगा कि कब तक आरोपी एसआई और टीआई पर कार्यवाही होगी ।

https://youtu.be/6RMf8Xb3DJg
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