राकेश शुक्ला /
कांकेर / वन विभाग को वन्य जीवों की तस्करों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बाघ का शिकार कर खाल निकालने वाले 9 आरोपितों को बाघ के खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। बाघ की उम्र करीब ढाई से तीन साल की है। मामला कांकेर जिले के किशनुपरी का है जिसका खुलासा सोमवार को कांकेर वन विभाग ने किया है। पुलिस के मुताबिक 29 नवंबर को वन विभाग को सूचना मिली की एक बाघ की खाल का सौदा बीजापुर में किया जा रहा है। वन विभाग की स्पेशल टीम एण्टी पोचिंग यूनिट और डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व ने मामले को गंभीरता लेते हुए बीजापुर के एक व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया और सौदा करने का प्रयास किया। उस व्यक्ति ने कहा मैं पैसा झराने वाले बाबा को ढूंढ रहा हूँ। हम लोगों ने अपने ही एक कर्मचारी को तांत्रिक बाबा बनाकर उनके पास भेजा। घटना स्थल पर बाघ का खाल लिए हुए व्यक्तियों द्वारा पूजन सामग्री की व्यवस्था की गई थी । ठीक उसी समय एण्टी पोचिंग यूनिट एवं डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व की टीम ने दबिश देकर तस्करी का भंडाफोड़ कर दिया। आरोपित कांकेर के किशनुपरी में पूजा कर रहे थे। इनके पास से बाघ की एक खाल जब्त की गई है। इनके पास से 4 बाइक और 11 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए है। मामले में आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपितों में बलराम मुड़मा ( 22) ग्राम- चिंतनपल्ली जिला-बीजापुर, समीर मुड़मा (23) ग्राम-चिंतनपल्ली जिला-बीजापुर, महेश लकड़ा आरक्षक क्रमांक-573 कोण्डागांव (32) निवासी-गनपतपुर जिला-रायगढ़, तुकाराम लोन्हारे (47) ग्राम किशनपुरी, जिला-कांकेर, कुन्दल शोरी (50) ग्राम हटकाचारामा,जिला-कांकेर, रतनसाय तिर्की (38) आरक्षक क्रमांक-594 कोण्डागांव, जिला-बलरामपुर, पंचू राम ध्रुव ( 47) भीरागांव, जिला-कोण्डागांव, मानसिंग गडरू (22) भीरागांव जिला-कोण्डागांव आदि शामिल है।