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VIDEO: छत्तीसगढ़ में लूटपाट करने वाला डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता जांच भटकाने की कोशिश में |

रायपुर / रायपुर में EOW ने अपनी पूछताछ में सस्पेंड डीजीपी मुकेश गुप्ता से पूछतांछ को लेकर जोर आजमाइश की | हालांकि यह कुख्यात आरोपी अनर्गल बयान देने में पुरे समय तक जुटे रहा | कई सवालों के जवाब में उसने जांच भटकाने की कई बार कोशिश की | उसने जांच अधिकारियों को पहले तो अपनी स्टाइल में डराने धमकाने की कोशिश की | लेकिन फिर बात नहीं बनी तो है कोर्ट का डर दिखाने लगा | उसने कई बार अपने बयानों को तोड़ा मरोड़ा, ताकि ब्यान दर्ज करने के दौरान संदेह का लाभ उठा सके | उसने ज्यादातर सवालों का जवाब गोल मोल दिया | उसने तत्कालीन चीफ सेकेट्री विवेक ढांड को भी मामले में घसीटने की नाकामियाब कोशिश की | उसने कहा कि चीफ सेकेट्री के निर्देश पर उसने कई लोगो के फ़ोन टेप किये थे उसमे बड़ी रकम के लेनदेन की बातचीत थी | बीजेपी शासन काल में इस कुख्यात आरोपी ने दिन रात लोगो के साथ लूटपाट और डकैती की घटनाओ को अंजाम दिया | लेकिन जब खुद पुलिस एक चंगुल में आया तो कैसे गिड़गिड़ाते रहा आप भी देखिये | 

फोन टेपिंग के लिए कायदे कानूनों की किस तरह से धज्जियाँ उड़ाई गयी सुनिए डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता की जुबानी | गौरतलब है कि किसी भी शक्श की फोन टेपिंग के लिए भारत सरकार से अनुमति लेनी होती है | एक वैधानिक प्रक्रिया के तहत फोन टेपिंग कानूनन है | वरना आम नागरिको के निजता के अधिकारों का उलंघन होता है |  अवैध फोन टेपिंग दंडनीय अपराध है | लेकिन आम नागरिको, व्यापारियों, राजनेताओ ,उद्योगपतियों और पत्रकारों के अलावा कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों से उगाही के लिए आरोपी मुकेश गुप्ता ने फोन टेपिंग के लिए बनाये गए कानून की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई इस दौरान उसने कई लोगो से मोटी रकम वसूली और  रेखा नायर व अपने करीबियों के अलावा नाते रिश्तेदारों के नाम से देश भर में अनुपातहीन और बेनामी संपत्ति खरीदी | सुनिए अपनी सफाई में क्या कह रहा है डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता |  

उधर मुकेश गुप्ता के पहले दौर के बयान दर्ज होने के बाद आईजी जीपी सिंह ने कहा कि आरोपी के बयानों को अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता | जांच प्रक्रिया का हवाला देते हुए उन्होंने यह कहा | 

https://youtu.be/4JRGwIO3-n4
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