विनोद चावला
धमतरी / “एक सैकड़ा” छात्र और पढ़ाने वाले मात्र “दो” शिक्षक | यह “ना-इंसाफी नहीं तो और क्या है ? कई महीनों तक छात्रों और पालको ने राज्य सरकार से पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती की मांग की | पहले बीजेपी की “सरकार” और उसके बाद कांग्रेस की मौजूदा “सरकार” | लेकिन दोनों ही दौर में पीड़ित ग्रामीणों की आवाज “नक्कार खाने में तूती की आवाज की तरह दबकर रह गई ” | आखिरकर छात्रों और ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया | ये घटना पडोसी राज्य की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के “धमतरी” जिले के “भेंडसर” शासकीयप्राथमिक माध्यमिक विद्यालय की है |
धमतरी जिले के शासकीय प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर छात्रों ने अपने परिजनों के साथ ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते विद्यालय में अध्यापक नहीं लगाए जाते है, तो अनिश्चितकालीन के लिए तालाबंदी और धरना जारी रहेगा | गौरतलब है कि भेंडसर के प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी को भरने की मांग को लेकर पहले भी ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया था | ग्रामीणों की बरसो पुरानी मांग को संज्ञान में लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने शीघ्र ही शिक्षको की नियुक्ति करने का आश्वासन दिया था | लेकिन यह आश्वासन “हवा-हवाई” साबित हुआ | कई माह गुजर जाने के बाद भी जब शिक्षको की नियुक्ति नहीं हुई तब पर नाराज ग्रामीणों ने छात्र छात्राओं के साथ विद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ कर धरना देना शुरू कर दिया |
ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में 90 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है | जिन्हे सिर्फ 2 ही शिक्षको द्वारा पढ़ाया जाता है। जो कि काफी कम है जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है | लेकिन बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही | इससे मजबूर होकर आखिरकार ग्रामीणों को आज विद्यालय के गेट पर ताला लगाना पड़ा |
बहरहाल स्कूल में पढाई लिखाई ठप्प है | दरअसल शिक्षकों की कमी के चलते ना तो कोर्स पूरा हो पा रहा है और ना ही अनुशासन जैसी कोई चीज स्कूल में नजर आती | शिक्षकों की अनुपस्थिति और उनके अवकाश लेने के दौरान तो हालात और भी बिगड़ जाते है | जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस स्कूल में शिक्षकों की तैनाती का मामला स्कूल शिक्षा विभाग के संज्ञान में बार बार लाया गया है | लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर कोई रूचि नहीं दिखाई | फीलहाल अब देखना होगा कि इस स्कूल में शिक्षकों की मांग कब पूरी होती है |

