उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, राजनीतिक हलचल तेज
देश की राजनीति में उस समय अचानक हलचल मच गई जब उपराष्ट्रपति धनखड़ इस्तीफा देने की खबर सामने आई। सोमवार देर रात उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। राष्ट्रपति ने अगले ही दिन उनका त्यागपत्र स्वीकार भी कर लिया। धनखड़ का कार्यकाल वर्ष 2027 तक था, लेकिन उससे पहले इस्तीफा देने से राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफे के तुरंत बाद उन्होंने अपने सरकारी आवास से पैकिंग शुरू कर दी थी। अब खबर है कि वह जल्द ही उपराष्ट्रपति का सरकारी आवास भी खाली करेंगे। हालांकि, इस्तीफे के बावजूद उन्हें एक टाइप VIII श्रेणी का बंगला आवंटित किया जाएगा, जो केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को भी मिलता है।
इस बीच, विपक्षी नेताओं का उनसे मिलने का प्रयास भी चर्चा का विषय बन गया है। शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत और एनसीपी नेता शरद पवार ने उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिला। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्होंने जानबूझकर विपक्ष से दूरी बनाई या वास्तव में उनका स्वास्थ्य उन्हें मिलने से रोक रहा था।
