बिलासपुर: छत्तीसगढ़ रेल मंडल में जल्द ही वंदे-भारत-स्लीपर ट्रेन दौड़ने वाली है, 160 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरियों पर बेहतर तरीके से दौड़ती नजर आई है। इसकी ऑपरेशन टेस्टिंग स्पीड 180KM है, हालांकि यह ट्रेन मात्र 160KM प्रति घंटे की रफ़्तार से ही अपने गंतव्य तक पहुंचेगी। खास बात यह है कि वंदे भारत ट्रेन की तरह वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है। इसमें हवाई जहाज जैसी सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। यह ट्रेन, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। इसमें दिव्यांगजनों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय की व्यवस्था होगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में पैसेंजर सेफ्टी के साथ-साथ लोको पायलट और अटेंडेट्स की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। लोको कैब को बेहतर बनाया गया है। वहीं यह ट्रेन टक्कर रोधी कवच प्रणाली से लैस है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन और इसका इंटीरियर काफी आकर्षक बनाया गया है, इसमें विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस ट्रेन में USB चार्जिंग प्रावधान के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट, सार्वजनिक घोषणा और विजुअल इन्फॉर्मेशन प्रणाली, इनसाइड डिस्प्ले पैनल और सिक्योरिटी कैमरे व मॉड्यूलर पैंट्री की सुविधा है।
फर्स्ट एसी डिब्बे में यात्रियों के लिए गर्म पानी के शॉवर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है और उसके पश्चात इस ट्रेन को देश के विभिन्न रेल मार्गों पर संचालित किया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को लंबे रेल रूट्स पर संचालित किया जाएगा और इस ट्रेन से भारत में लंबी दूरी की रेल यात्रा में क्रांति आने की उम्मीद की जा रही है।
रेल प्रशासन का दावा है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आराम, सुरक्षा और दक्षता के मामले में नए मानक स्थापित करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलूरु में उत्पादन इकाई का दौरा किया और वहां वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के उत्पादन का निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रीय रेल राज्य मंत्री वी. सोमन्ना भी उनके साथ मौजूद रहे।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अनेक खूबियों से युक्त होगी। इसमें ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील ट्रेनसेट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेनसेट में दुर्घटना-रोधी होगा। इसी प्रकार GFRP पैनलों के साथ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ इंटीरियर, एरोडायनामिक बाहरी लुक, मॉड्यूलर पेंट्री, EN 45545 के अनुसार फायर सेफ्टी जोखिम स्तर होगा।
इसी प्रकार ट्रेन के दरवाजे स्वचालित होंगे और सेंसर आधारित इंटर कम्युनिकेशन डोर रहेगा। अंतिम दीवार पर दूर से संचालित अग्नि अवरोधक दरवाजे, एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई गंध रहित शौचालय प्रणाली की इसकी खासियत होगी। ट्रेन में लोको पायलट के लिए शौचालय की भी व्यवस्था की गई है।
बर्थ: AC 3 टीयर बर्थ, 11 कोच, हरेक ट्रेन में 611 बर्थ, AC 2 टीयर बर्थ के 4 कोच होगे, प्रत्येक ट्रेन में 188 बर्थ होंगे। इसी प्रकार फर्स्ट क्लास एसी कोच में 24 बर्थ को मिलाकर पूरी ट्रेन में 823 यात्रियों के लिए बर्थ की सुविधा होगी।