उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे का राज नेताओ से करीबी नाता, बीएसपी, सपा, कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के नेताओं के बीच मजबूत पकड़ ? दिल्ली में कर सकता है आत्मसमर्पण, पुलिस की चार टीम बिजनौर रवाना   

0
8

लखनऊ वेब डेस्क / कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे पुलिस की पहुंच से फ़िलहाल कोसो दूर है | लेकिन उसके सियासी संपर्क सुर्खियों में है , अंदेशा है कि वो दिल्ली एनसीआर में छिपा हो सकता है | सूत्रों के मुताबिक मोस्टवांटेड विकास दुबे दिल्ली की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर सकता है | उसकी मोबाईल लोकेशन आखरी बार बिजनौर मिली है | लिहाजा पुलिस की चार टीम आईजी कानपुर के साथ बिजनौर रवाना हुई है | उधर उत्तर प्रदेश ATS ने फरार गैंगस्टर को लेकर दिल्ली पुलिस के स्पेशल से संपर्क साधा है |

इस कुख्यात अपराधी के 200 से ज्यादा पुलिस कर्मियों से सीधे संपर्क बताये जाते है | बताया जाता है कि विकाश दुबे खुद को सिर्फ अपराधों की दुनिया तक सीमित नहीं रखना चाहता था बल्कि वो राजनैतिक गलियारों में भी दखल रखता है | वह अपना राजनीतिक गुरु पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिकिशन श्रीवास्तव को बताता है तो मौजूदा दो बीजेपी विधायकों से अपनी नजदीकियां को भी जाहिर करता है | बताया जाता है कि बीएसपी , कांग्रेस और समाज वादी पार्टी के कई नेताओ के साथ भी उसके अच्छे सम्बन्ध है | यह बात खुद विकास दुबे ने बताई है |

बताया जाता है कि विकास दुबे पिछले 25 साल से प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ करीब से जुड़ा रहा है | वो 15 साल तक बसपा के साथ रहा तो 5 साल बीजेपी में और 5 साल सपा में रहा है | पंचायत चुनाव में उसे बसपा से समर्थन मिला था जबकि उसकी पत्नी को चुनाव में सपा का समर्थन हासिल रहा | कांग्रेस के लगभग आधा दर्जन नेता उसके साथ समय गुजारते थे | शायद इसीलिए कोई भी राजनैतिक दल विकास दुबे के खिलाफ खुलकर सामने नहीं रहा है |

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में मायावती की बसपा सरकार के दौरान विकास दुबे का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में जबरदस्त रसूख था | इस दौरान उसने कई जमीनों पर अवैध कब्जे किए | कई लोगो से बन्दुक की नोक पर जमीन खाली कराई | यही नहीं जेल में बंद रहते हुए इस हिस्ट्रीशीटर ने शिवराजपुर से नगर पंचयात चुनाव लड़ा था और अपने राजनैतिक सम्बन्धो से जीत भी हासिल की थी |

हाल ही में मोस्टवांटेड विकास दुबे का 2006 का एक वीडियो वायरल हुआ है | इस वीडियो में विकास दुबे दावा करता है कि उसे सियासत में लाने का श्रेय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिकिशन श्रीवास्तव का है | वो उन्हें अपना राजनीतिक गुरु बताता हैं | इस वीडियो में विकास दुबे कह रहा है कि ‘मैं अपराधी नहीं हूं, मेरी जंग राजनीतिक वर्चस्व की जंग है और ये मरते दम तक जारी रहेगी | ‘

दरअसल हरिकिशन श्रीवास्तव कानपुर के चौबेपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं | वे बसपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी थे | उनका राजनैतिक सफर भी अच्छा खासा रहा है | वो पहली बार विधायक जनता पार्टी से बने और फिर जनता दल से | इसके बाद एक बार फिर पाला बदल कर बसपा में शामिल हो गए | मायावती का दामन थामने के बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया | हरिकिशन श्रीवास्तव यूपी के दिग्गज नेता माने जाते थे | उनसे करीब का नाता होने से विकास दुबे का सभी दलों से संपर्क हो गया | हालांकि, बीजेपी के दोनों विधायकों अभिजीत सांगा और भगवती प्रसाद सागर ने विकास दुबे के साथ अपने संबंध होने से इनकार किया है |

बताया जाता है कि अपराध की दुनिया में कुख्यात होने के बाद विकास दुबे की दहशत का आलम ऐसा था कि वो किसी भी चुनाव में जिस पार्टी या उम्मीदवार को समर्थन देता था, पूरे गांववाले उसे ही वोट देते थे | यही एक बड़ी वजह थी कि चुनाव के वक्त गांवों में वोट पाने के लिए सपा, बसपा कांग्रेस और भाजपा के कई नेता उसके संपर्क में रहते थे | अपनी दहशत के चलते विकास दुबे 15 सालों से जिला पंचायत सदस्य के पद पर कब्जा बनाए हुए है | विकास दुबे खुद तो जिला पंचायत सदस्य है लेकिन उसने अपनी पत्नी ऋचा दुबे को भी घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जितवाया था | इतना ही नहीं उसने अपने चचेरे भाई अनुराग दुबे को भी पंचायत सदस्य बनवाया था |

ये भी पढ़े : बड़ी खबर : देश के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को शरण देने वाले गांव के लोगों को आज भी है मोबाइल नेटवर्क का इंतजार, टॉवर लगाने में प्राइवेट कंपनियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई ,BSNL के पास भी नहीं है टावर लगाने के लिए बजट, इस गांव में पहुंचते ही मोबाइल में हो जाते है सिग्नल गायब

फ़िलहाल विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  डीजीपी को तलब कर पूरी जानकारी मांगी है | बताया जाता है कि उसे धर दबोचने के लिए 42 टीम गठित की गई है |