पर्यटकों के प्रेम की यादों को तरोताजा कराने वाले ताजमहल पर उर्स, हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतिक पर उर्स की बहार, संदल और ढोल धमाकों के साथ लगने लगा जमावड़ा

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आगरा| आगरा में इन दिनों मुमताज और शाहजहां की प्रेम कहानी लोगों की जुबान पर है| अब यह स्थल प्रेम का प्रतिक बन चूका हैं|यहाँ हिन्दू-मुस्लिम ही नही बल्कि विश्व के लगभग सभी देशों के पर्यटक अपनी सामुदायिक और धार्मिक भावनाओं को छोड़कर प्रेम का इजहार करने आते हैं|

आगरा के ताजमहल पर प्रेम का इजहार आम बात हैं लेकिन अब यहाँ मेला और उर्स भी एक साथ दिखाई देने लगा हैं| कई धर्मों और समुदाय के लोग इस प्रेम की दरगाह पर अपने व्यक्तिगत रिश्तों की राह सँवारने के लिए मुमताज के मकबरे पर इकठ्ठा हो रहें हैं|

दरअसल मुगल बादशाह शाहजहां का तीन दिवसीय 367 वां उर्स 27 फरवरी से मनाया जायेगा. इस दौरान ताजमहल के मुख्य गुम्बद के नीचे बने तहखाने में मुमताज और शाहजहां की कब्र को लोगों के लिए खोला जायेगा. उर्स के दौरान पर्यटकों का ताजमहल में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा. इस बार शाहजहां का उर्स 27 फरवरी, 28 फरवरी और 1 मार्च को है.

शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि बादशाह शाहजहां के 367वें उर्स की तैयारी पूरी हो गई है. उर्स के पहले दिन 27 फरवरी को तहखाने में बनी कब्रों को 2 बजे खोले जाने के बाद गुस्ल होगा. दूसरे दिन 28 फरवरी को दोपहर 2 बजे से संदल की रस्म अदा की जाएगी और तीसरे दिन 1 मार्च को पूरे दिन चादरपोशी और गुलपोशी होगी. साथ ही कब्रों पर पंखे चढ़ाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह शाहजहां की कब्र पर 1381 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी, जो इस साल उर्स का सबसे आकर्षण का केंद्र होगी.

प्रशासन ने जारी की प्रवेश की गाइडलाइन

इस सबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आगरा के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. राजकुमार पटेल ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 27 और 28 फरवरी को दोपहर 2 बजे से और 1 मार्च को पूरे दिन ताजमहल में पर्यटक मुफ्त में जा सकते हैं. उर्स को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है.