UPSC रिजल्ट घोषित , नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा की नम्रता जैन को मिली 12वी रैंक |

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC ) ने सिविल सेवा परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है |  UPSC में इस बार भी छत्तीसगढ़ ने कीर्तिमान रच दिया है । टॉप-15 में छत्तीसगढ़ के दो होनहारों ने कामयाबी का डंका बजाया है । धुर नक्सल इलाके दंतेवाड़ा की रहने वाली नम्रता जैन को 12वीं रैंक मिली है, जबकि बिलासपुर के वर्णित नेगी को 13वीं रैंक मिली है। इस बार फाइनल रिजल्ट में 759 परीक्षार्थी परीक्षा पास हुए है । मुंबई से बीटेक कनिष्क कटारिया ने टॉप किया है ।  मेरिट में पांचवें नंबर पर सृष्टि जयंत देशमुख हैं जाे कि महिलाओ में अव्वल रही हैं । दूसरे नंबर पर राजस्थान के अक्षत जैन  और  तीसरे नंबर पर यूपी के जुनैद अहमद हैं । जिसमें जनरल के 361, ओबीसी के 209, एससी के 128 और एसटी के 61 परीक्षार्थी शामिल हैं । इस बार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) 180 पद, भारतीय विदेश सेवा के लिए 30 पद, भारतीय पुलिस सेवा के लिए 150 पद, सेंट्रल सर्विस ग्रुप ए के लिए 384 पद, ग्रुप बी सर्विस के लिए 68 पदों के लिए UPSC ने वैकेंसी निकली थी ।

नम्रता का नाम पहले से छत्तीसगढ़ के लिए पहचाना हुआ है । घोर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा की नम्रता ने 2017 बैच में भी UPSC क्रैक किया था । उसे 99वीं रैंक मिली थी, लेकिन उन्हें  IPS अवार्ड हुआ था । 2018 में नम्रता को कामयाबी नहीं मिली, लेकिन 2019 में नया कीर्तिमान रचते हुए नम्रता ने देश भर में 12वां स्थान हासिल कर लिया । इस कामयाबी के साथ नम्रता का अब IAS बनना भी तय हो गया है । वहीं बिलासपुर के रहने वाले वर्णित नेगी को देश में 13वां स्थान मिला है । 2018 बैच में भी वर्णित ने UPSC क्रैक किया था, लेकिन तब उन्हें 500 के करीब रैंकिंग मिली थी, लेकिन उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और इस बार उन्हें 13वीं रैंक मिली है । उनका भी अब IAS बनना लगभग तय हो गया है । 

नम्रता जैन ने कहा कि दंतेवाड़ा से हूूं इसलिए जब UPSC की तैयारी का सोचा तो मन में आया कि दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के बड़े संस्थानों में पढ़ने वालों से मुकाबला कैसे करूंगी । लेकिन परिवार का सपोर्ट मिला । उन्होंने कहा कि 2016 में 99वीं रैंक आने के बावजूद आईएएस न बन पाने पर 3 दिन रूम से बाहर नहीं निकली थी । अफसोस इस बात का था कि अच्छा करने के बावजूद महज एक रैंक की वजह से आईएएस बनने से चूक गई थी । उन्होंने कहा कि वह तय कर लिया था कि इस बार टॉप-10 में आकर रहूंगी ताकी आईएएस अवॉर्ड हो सके । इस बार सिंगल डिजिट तो नहीं ला सकी, पर आईएएस बनने का सपना पूरा करने में कामयाब रही । जब तक आईएएस की ट्रेनिंग शुरू नहीं होती, तब तक मैं आईपीएस की ट्रेनिंग जारी रखूंगी ।