रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया जब एक मरीज के परिजनों ने मौत के 14 घंटे बाद भी शव को आईसीयू में रखकर इलाज के नाम पर अस्पताल पर मोटी रकम उगाही का आरोप लगाया | पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस से भी करने की बात कही | बताया जाता है कि देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायण अस्पताल में 30 वर्षीय मनीष कुमार नामक शख्स की मौत हो गई थी | मृतक के परिजनों का आरोप है कि 14 तारीख को श्री नारायण हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया था | उनके मुताबिक मरीज 7 दिन तक हॉस्पिटल में एडमिट था |
परिजनों के मुताबिक डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसके स्वास्थ में कोई सुधार नहीं आया | जबकि मनीष नॉर्मल शुगर पेशेंट था | उनके मुताबिक शुगर बढ़ने की वजह से उसे यूरीन इंफेक्शन हो गया था | उनके मुताबिक रात में अचानक मनीष का बीपी लो हुआ और उसकी मौत हो गई | मनीष को देख रहे मेडकिल स्टाफ ने इसकी तस्दीक भी की | लेकिन वरिष्ठ डॉक्टरों ने उन्हें मुँह बंद रखने की हिदायत दे दी | नतीजतन मनीष की मौत के बाद भी 14 घंटों तक बिना परिजनों को जानकारी दिए उसके शव को आईसीयू में रखा गया | मामले की पड़ताल के दौरान डॉक्टरों और मनीष के परिजनों के बीच कहा सुनी भी हुई | इसके बाद पीड़ित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया |
न्यूज टुडे को अपनी आपबीती सुनाते हुए मृतक के भाई उत्तम कुमार पटेल ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है | उन्होंने कहा कि मनीष को आईसीयू में एडमिट कराने के बाद भी कई घंटों तक डॉक्टरों ने उसे नहीं देखा | उन्होंने कहा कि इलाज के नाम पर उन्हें सिर्फ बरगलाया गया | उत्तम कुमार ने बताया कि उनकी पहल पर डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन जिम्मेदारी पूर्वक मरीज पर ध्यान नहीं दिया | उन्होंने कहा कि आईसीयू में कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं थे | नतीजतन मरीज को समुचित इलाज नहीं मिल पाया |
उधर अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर अपनी सफाई देने में जुटा है | श्री नारायणा अस्पताल के संचालक डॉ सुनील खेमका के मुताबिक आईसीयू में 24 घंटे डॉक्टर उपस्थित रहते हैं | उन्होंने कहा कि मरीज की सीटी स्कैन की रिपोर्ट में लीवर में खराबी सामने आई थी | इसका इलाज किया जा रहा था | डॉक्टर सुनील खेमका ने कहा कि 30 वर्षीय युवक मनीष कुमार शुगर पीड़ित थे | उनके लिवर में स्प्लीन में अपसेस था | उनके मुताबिक मरीज की डायबिटीज बहुत समय से कंट्रोल में नहीं थी , इसके चलते पूरे पेट में इंफेक्शन था | उसे एंबॉलिज्म हो गया था | उन्होंने मरीज के परिजनों पर अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप लगाया है |