
दिल्ली : – पीएम मोदी इस बार अमेरिका की यात्रा नहीं करेंगे। माना जा रहा था कि संयुक्त राष्ट्र सत्र को सम्बोधित करने के लिए वे अमेरिका की यात्रा कर सकते है। लेकिन अब साफ़ हो गया है कि मोदी इस बार अमेरिका नहीं जाएंगे, बल्कि विदेश मंत्री जयशंकर ही संयुक्त राष्ट्र सत्र में शामिल होंगे। मोदी के दूरियां बनाने से राष्ट्रपति ट्रंप हैरत में बताये जाते है। उनका फैसला अमेरिका में दूरगामी प्रभाव डालने में कारगर बताया जा रहा है। दरअसल, मोदी अमेरिका में ट्रंप से ज्यादा लोकप्रिय और वर्ल्ड लीडर के तौर पर देखें जाते है। ट्रंप की जिद ने अमेरिकी लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। वे भारत को आज भी अपना करीबी मित्र मानते है, इसके चलते ट्रंप प्रशासन को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। पीएम मोदी इस साल फरवरी में व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए अमेरिका गए थे। हालिया घटनाक्रम में ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत मनमाने टैरिफ लगाए हैं, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर जुर्माने के तौर पर 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है।

जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू होगा। माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र में आम बहस को संबोधित करेंगे। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी, जिसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा। उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को प्रतिष्ठित UNGA मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे, जो व्हाइट हाउस में उनके दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र सत्र को उनका पहला संबोधन होगा। इस बीच शुक्रवार को जारी महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय आम बहस के लिए वक्ताओं की संशोधित अनंतिम सूची के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व एक ‘मंत्री’ करेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर 27 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे।

जुलाई में जारी वक्ताओं की पिछली सूची में पीएम मोदी 26 सितंबर को आम बहस को संबोधित करने वाले थे। इस्राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस को संबोधित करने वाले हैं। जानकारों के मुताबिक मोदी ने अमेरिका न जाने का फैसला कर डॉनाल्ड ट्रंप के अरमानों पर पानी फेर दिया है। यूएनजीए वक्ताओं की अंतिम सूची भी सामने आ गई है। आम बहस के लिए यूएनजीए वक्ताओं की सूची अंतिम रूप दे दी गई है। हालांकि उच्च-स्तरीय सप्ताह की शुरुआत से पहले कार्यक्रमों और वक्ताओं में बदलाव की संभावना हमेशा बनी रहती है। सूची को समय के साथ-साथ अपडेट किया जाता है। दरअसल हर साल सितंबर में UN का उच्च-स्तरीय सत्र शुरू होता है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वर्ष का सबसे व्यस्त राजनयिक सत्र माना जाने वाला यह उच्च-स्तरीय सत्र हर साल सितंबर में खूब सुर्खियां बटोरता है। इस वर्ष यह सत्र इस्राइल-हमास युद्ध और यूक्रेन संघर्ष के बीच आयोजित हो रहा है। 80वें सत्र का विषय है ‘एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक के रूप में देखा जा रहा है।