रिपोर्टर – मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगांव / सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत के कार्यों की जानकारी मांगना एक ग्रामीण को इतना महंगा पड़ गया कि परेशान ग्रामीण ने अब राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की है। मामला जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम करवारी का है,जहां मनिहारी का काम करने वाले भूषण कुमार सिन्हा ने बीते 8 मई को सूचना के अधिकार के तहत पंचायत में किए गए कार्यों की जानकारी मांगी थी | जिसके बाद लगातार परेशान होकर उसने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की है।
वही अब भूषण कुमार सिन्हा ने राजनांदगांव प्रेस क्लब ने प्रेस वार्ता लेकर बताया कि उसे जानकारी तो नहीं मिली बल्कि गांव में बैठक कर पंचायत ने उसे 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया | यही नहीं भूषण के घर को बुलडोजर से तुड़वाने की धमकी तक दे दी गई।गांव से भी बहिष्कृत करने को धमकाया गया इससे डरकर पीड़ित ने एसडीएम और एसडीओपी से मिलकर लिखीत शिकायत की और सुरक्षा की मांग की | इसके दूसरे ही दिन 17 जून को पीड़ित के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने रास्ता रोककर मारपीट की पंचायत प्रतिनिधियों ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। उसे नहीं बताया कि डर से उसने ग्राम पटेल के पास 10 हजार अर्थदंड जमा कर दिया इसके बाद 27 जून को एसडीओपी कार्यालय में बुलाकर डराया धमकाया का आरोप भी भूषण ने लगाया है। लेकिन 5,6 माह बीत जाने के बाद भी मामले में किसी तरह की ना कोई जांच पुलिस ने किया और ना ही कोई कार्यवाही की गई।इससे पंचायत प्रतिनिधि का हौसला और बढ़ता जा रहा है 10 हजार रुपए अर्थदंड देने के बाद अब पंचायत प्रतिनिधि उससे 2 लाख 40 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं।वही लगातार इस मामले से त्रस्त होकर भूषण कुमार सिन्हा ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की है।