किसान विधेयक बिल को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में किसानों ने किया जबरदस्त विरोध प्रदर्शन रैली निकाल,मोदी का पुतला फूंक, राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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रिपोर्टररफीक खांन

सुकमा देश सरकार के द्वारा लाए गये किसान विधेयक बिल को लेकर राष्ट्रीय व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है । इस बिल को लेकर सुकमा जिला मुख्यालय में भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अपना जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है । आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक मनीष कुंजाम की मौजूदगी में नगर के मुख्य मार्ग के बीच से गुजरती भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की रैली मोदी सरकार हाय-हाय के किसान विधेयक बिल वापस लो आदि जबरदस्त नारे लगाते हुए । मुख्य चौक जिला मुख्यालय सुकमा में मोदी का पुतला फूंका । दर्जनों महिला फेडरेशन कार्यकर्ताओं व ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन व ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के साथ बारिश में भीगते हूए कड़ा विरोध प्रदर्शन यहाँ देखने को मिला । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रामा सोढ़ी इस पुरे विरोध प्रदर्शन को लीड कर रहे थें ।

इसके बाद संसद में पारित तीन किसान विरोधी कानूनों के विरूद्घ भारतीय जनता पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर के द्वारा ज्ञापन सौंपा । इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने ज्ञापन में कहा है कि आज देश भर में किसानों का संघर्षचल रहा है । उल्लेखनीय है कि इन कानूनों के अमल में लाने से धीरे धीरे खेती ठेके पर होने लगेगी । मंडियों की उपयोगिता समाप्त होगी । न्यूनतम समर्थन मूल्य जिन उत्पादों में मिल रहा है वह भी नहीं मिलेगा यानि कि एम.एस.पी.को समाप्त कर दिया जायेगा । पूरी तरह खेती कम्पनियों के हवाले होगी । कालाबाजारी का बोल बाला होगा । किसान देश को अन्न खिलाता है । किंतु वो सबसे गरीब,शोषित, पीड़ित है। इस किसान विरोधी बिल के कारण उसकी हालत और ज्यादा बदतर हो जायेगी । क्योंकि उसके उपज के मूल्य का निर्धारण पूर्ण रूप से बाजार के हांथों में होगा । केंद्र की सरकार पूरी तरह किसानी को कंपनियों के हवाले कर देना चाहती है । आदिवासी क्षेत्रों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जायेगी । यूं भी आदिवासी आमतौर पर सीधा सरल होता है ।

उनके द्वारा संग्रहित वनोपजों को पहले ही व्यापारी औने-पौने दाम में खरीदते रहे हैं । खेती का उपज वनोपज के तुलना में बहुत मामूली दर में खरीददारी होने की पूरी संभावना है । इससे बस्तर जैसे क्षेत्रों साथ ही अन्य आदिवासी क्षेत्रों के निवासियों को काफी हानि होने की
संभावना है । क्योंकि आदिवासियों की जीविका पूर्णतः कृषि एवं वनोपज के संग्रहण पर ही निर्भर है । इस तरह इस बिल के सबसे गंभीर दुष्परिणाम आदिवासी क्षेत्रों को ही होने की संभावना है ।

देश व्यापी किसान आंदोलन की कड़ी में सुकमा जिले के किसान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में जिला मुख्यालय सुकमा में संसद में पारित किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ विरोध व असंतोष जाहिर करते हैं । एवं मांग करते हैं कि किसान विरोधी इन विधेयकों को तत्काल वापस लिया जावे कहते ज्ञापन सौंपा । इस दौरान पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, जिला पंचायत सदस्य भारतीय जनता पार्टी के जिला सचिव रामा सोडी, गंगा नाग,श्रीमती कुसुम नाग, श्रीमती आराधना मरकाम, श्रीमती मंजू कवासी,हड़मा मरकाम, देवा मंडावी,महेश कुंजाम, राजेश नाग, शैलेन्द्र कश्यप पूर्व पार्षद श्रीमती कमला रमन्ना सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं सहित किसान मौजूद थे ।