
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र (UN) की ताज़ा रिपोर्ट ने दुनिया भर को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक आतंकवादी संगठन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (ISIS) अफ्रीका और सीरिया में दोबारा सिर उठा रहे हैं। आतंकवाद से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये संगठन अब पहले से अधिक संगठित, खतरनाक और सशक्त हो गए हैं।
अफ्रीका बना आतंकियों का नया अड्डा
रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में अल-कायदा से जुड़े जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (JNIM) ने उत्तरी माली और बुर्किना फासो में अपना प्रभाव काफी बढ़ा लिया है। वहीं इस्लामिक स्टेट की शाखा ISGS ने नाइजर और नाइजीरिया की सीमा पर मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।पूर्वी अफ्रीका में अल-शबाब ने दक्षिणी और मध्य सोमालिया में अपने हमले तेज कर दिए हैं। इन संगठनों ने ड्रोन, बम और सुसज्जित लड़ाकों के ज़रिए जटिल हमले करने की ताकत हासिल कर ली है।

सीरिया में बढ़ा खतरा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सीरिया की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद हयात तहरीर अल-शाम (HTS) से जुड़े अहमद अल-शारा देश के अंतरिम राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने निष्पक्ष चुनावों का वादा किया है, लेकिन विशेषज्ञों को उन पर भरोसा नहीं है।
यह भी दावा किया गया है कि दमिश्क की लड़ाई में 5,000 से ज्यादा विदेशी आतंकवादी शामिल थे। HTS के सत्ता में आने के बाद से ISIS की आर्थिक स्थिति भी डगमगाई है।

खुरासान ग्रुप और वैश्विक खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक, अफगानिस्तान स्थित खुरासान ग्रुप सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग के ज़रिए यूरोप और अमेरिका में युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहा है।
अमेरिका में हाल के आतंकी हमलों में गाज़ा-इजरायल संघर्ष से प्रेरित कई साजिशों का ज़िक्र किया गया है। जनवरी 2025 में न्यू ऑरलियन्स में IS समर्थक द्वारा भीड़ पर वाहन चढ़ा देने की घटना में 14 लोगों की मौत हुई थी, जो 2016 के बाद सबसे घातक हमला माना गया।
आर्थिक तंगी में ISIS
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट की आर्थिक हालत बिगड़ गई है।
लड़ाकों की तनख्वाह घटाकर 50-70 डॉलर/माह
परिवारों को दी जा रही मदद घटाकर 35 डॉलर/माह
पैसे समय पर नहीं मिल रहे
इसके चलते आतंकी संगठनों ने महिला कुरियर, हवाला सिस्टम, और क्लाउड स्टोरेज का सहारा लेना शुरू किया है ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके। ‘सुरक्षित ड्रॉप बॉक्स’ और पासवर्ड बेस्ड निकासी प्रणाली के माध्यम से पैसा जुटाया जा रहा है।
भविष्य में बढ़ सकती हैं आतंकी घटनाएं
संयुक्त राष्ट्र की इस विस्तृत रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि आने वाले समय में मध्य एशिया, अफगानिस्तान, अफ्रीका और यूरोप में आतंकी हमलों में इजाफा हो सकता है। रिपोर्ट में दुनिया के सभी देशों से सतर्क रहने की अपील की गई है और कहा गया है कि वैश्विक सहयोग और खुफिया तंत्र को मजबूत करना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।
यह रिपोर्ट एक बार फिर बता रही है कि आतंक का खतरा अभी टला नहीं है, बल्कि वह नए रूप में लौट रहा है। सतर्क रहना और साझा प्रयास ही इसका उपाय है।