News Today : रूस के साथ जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, मदद की गुहार लगाई

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नई दिल्ली : News Today : रूस के साथ पिछले एक साल से अधिक समय जंग लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजी है. इस चिट्ठी में उन्होंने पीएम मोदी से यूक्रेन के लिए अतिरिक्त मानवीय सहायता भेजने का अनुरोध किया है.

यह अनुरोध ऐसे समय आया है जब यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन जापारोवा भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आई हुई हैं. जापारोवा ने कल भारत की उप विदेश मंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी को संबोधित राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह चिट्ठी उन्हें सौंपी थी. इस चिट्ठी में यूक्रेन ने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित अतिरिक्त मानवीय आपूर्ति का अनुरोध किया है.

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि ‘यूक्रेनी मंत्री ने यह भी प्रस्ताव दिया कि यूक्रेन में बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण भारतीय कंपनियों के लिए एक अवसर हो सकता है.’ बयान के मुताबिक, इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों देशों के बीच अगला अंतर-सरकारी आयोग पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर भारत में आयोजित किया जाएगा.

भारत के साथ मजबूत संबंध की जताई इच्छा
जापारोवा ने भारत के साथ संबंध बढ़ाने की इच्छा जताते हुए कहा, ‘भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. हम संप्रभु देशों के फैसलों का सम्मान करते हैं. भारत भी अन्य देशों के साथ संबंध बना रहा है. यह आपको तय करना है, यह आपके लाभ के लिए है.’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ महत्वपूर्ण सैन्य टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है.

जापारोवा ने साथ ही कहा, ‘कई मायनों में भारत और यूक्रेन के बीच बहुत समानता है. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता के लिए काफी अवसर हैं. यह हमारी बातचीत में केवल एक शुरुआत है.’ वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करना चाहेंगे.

पिछले साल फरवरी में रूस के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की है. पिछले साल 4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि इस मसले का ‘कोई सैन्य समाधान नहीं’ हो सकता और भारत शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है.