
लंदन की एक अदालत ने भारतीय मूल के 55 वर्षीय हार्ट सर्जन डॉ. अमल कृष्ण बोस को कार्यस्थल पर लगातार यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों में दोषी मानते हुए छह साल की जेल की सजा सुनाई है।
आरोप और ट्रायल
लैंकाशायर पुलिस के अनुसार, 2017 से 2022 के बीच डॉ. बोस ने ब्लैकपूल विक्टोरिया अस्पताल में काम करने वाली पांच महिला स्टाफ के साथ अनुचित हरकतें कीं। अदालत ने उन्हें 12 मामलों में दोषी ठहराया।
ट्रायल के दौरान पीड़िताओं ने गवाही दी कि बोस ने अपने वरिष्ठ पद का फायदा उठाकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया। बोस ने अपने खिलाफ आरोपों से इंकार करते हुए इसे केवल ‘फ्लर्टिंग’ और ‘वर्कप्लेस मजाक’ करार दिया, लेकिन जूरी ने उन्हें दोषी पाया।
पीड़िताओं पर असर
अदालत में पढ़ी गई गवाहियों के अनुसार:
- एक महिला ने कहा कि उसे पैनिक अटैक और चिंता का सामना करना पड़ा।
- दूसरी ने खुद को असुरक्षित और अलग-थलग महसूस करने की बात कही।
- कई महिलाओं ने आत्म-हानि तक की कोशिश की या नौकरी छोड़ने/बीमार छुट्टी लेने का निर्णय लिया।
इन घटनाओं ने उनके करियर और निजी जीवन दोनों को गहरा आघात पहुंचाया।
अस्पताल प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
ब्लैकपूल टीचिंग हॉस्पिटल्स की मुख्य कार्यकारी मैगी ओल्डहम ने कहा कि स्टाफ द्वारा झेली गई घटनाओं ने प्रशासन को हिला दिया है। अस्पताल अब पीड़िताओं का सहयोग करने और कार्यस्थल का माहौल सुधारने पर ध्यान देगा।
पुलिस और अभियोजन पक्ष ने भी पीड़िताओं के साहस की सराहना की और कहा कि उनकी गवाही से ही न्याय संभव हो पाया।
बोस का करियर और निलंबन
डॉ. बोस ब्लैकपूल विक्टोरिया अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग प्रमुख थे। आरोपों के सामने आने पर मार्च 2023 में उन्हें निलंबित किया गया। मई 2023 में औपचारिक आरोप लगाए गए और ट्रायल शुरू हुआ। अब अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए छह साल जेल की सजा सुनाई है।