अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दो तारीखें तय, जल्द होगा अंतिम फैसला , भव्य मंदिर बनने में लगेंगे साढ़े तीन साल , अब तीन के बजाये होंगे पांच गुंबद , लंबाई,चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी, 3 और 5 अगस्त शुभ तिथि , प्रधानमंत्री लेंगे अंतिम फैसला   

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अयोध्या / अयोध्या में करीब दो घंटे तक चली रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक ने मंदिर की आधारशीला रखने की दो तिथी तय की गई है | जल्द ही एक तिथि पर साधु संतों की आम राय बन जाएगी | शनिवार को देश की निगाहे इस बैठक पर रही | लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण की तिथि का एलान होगा | इस बैठक में समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद थे, जबकि तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर थे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों को बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बैठक में सभी लोगों ने निर्माण को लेकर प्रसन्नता जाहिर की। जो अवशेष जमीन से प्राप्त हुए हैं, सभी ने उन्हें देखा और प्रसन्न्ता जाहिर की। हालांकि मट्टी की ताकत कितनी है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उसके बाद यह निर्णय होगा कि नींव कितनी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि निर्माण स्थल के इर्द-गिर्द 60 मीटर नीचे से मिट्टी के सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए लार्सेन एंड ट्यूब्रो कंपनी को काम सौंपा गया है।

ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि भूमि पूजन के लिए समिति ने तीन और पांच अगस्त की तारीख तय की है। हालांकि  इस पर अब अंतिम फैसला प्रधानमंत्री की ओर से लिया जाएगा।  उन्होंने बताया कि राम मंदिर के डिजाइन में भी बदलाव होगा। ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि पहले मंदिर में तीन गुंबद बनने थे, लेकिन अब पांच गुंबद होंगे। मंदिर का मॉडल विश्व हिंदू परिषद का ही रहेगा, लेकिन उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी।मंदिर निर्माण कब तक पूरा होगा, इसके बारे में चंपत राय ने बताया कि जब सारे प्राथमिक काम पूरे हो जाएंगे तब से निर्माण की गणना शुरू की जाएगी। उनके मुताबिक हिंदू समाज के 10 करोड़ परिवार से धन संग्रह किया जाएगा, इसके बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा।

उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अगर लॉकडाउन की परिस्थितियां सामान्य रहीं तो अगले तीन वर्ष में मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। इधर राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या दौरे के लिए पत्र लिखा है । इसमें उन्होंने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी अतिशीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करें। ट्रस्ट अध्यक्ष ने यह भी लिखा है कि वर्चुअल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं बल्कि मोदी स्वयं अयोध्या आएं और राममंदिर निर्माण की नींव रखें। महंत के उत्तराधिकारी कमलनयन दास ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय हो रहा है, जल्द ही तिथि का एलान होगा।

बैठक में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने भी इच्छा जताई है कि मंदिर निर्माण का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से ही होना चाहिए। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिंहद्वार के लिए 1989 में शिला पूजन किया गया था। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से शुरू होगा, जिसके लिए भूमि पूजन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र मंदिर भी होगा।

राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास मुताबिक मोदी शीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करेंगे । उन्होंने कहा कि मोदी व योगी के कर कमलों से ही राममंदिर की पहली ईंट रखी जानी चाहिए, क्योंकि मोदी व योगी के काल में ही यह शुभ अवसर आया है। संत समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत को तैयार है।

उधर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी कहा कि अयोध्या में अब अतिशीघ्र राममंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी व योगी के शासन में ही यह ऐतिहासिक क्षण आया है जब अयोध्या में राममंदिर निर्माण का शुभारंभ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि  संत समाज के साथ-साथ वे भी चाहते हैं कि मोदी व योगी ही राममंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखें। बकौल अंसारी , इन दोनों के शासन में अयोध्या को हर दिशा में एक नया आयाम प्राप्त हुआ है। फ़िलहाल बताया जा रहा है कि पांच अगस्त की तिथि को पीएम मोदी अपनी मुहर लगा सकते है |