ठाणे / एक दंपत्ति ने 5 किलो 6 सौ ग्राम के आभूषण बैंक में गिरवी रखकर 2 करोड़ का गोल्ड लोन लिया | इस दौरान उसने मैनेजर और वैल्यूअर को बताया था कि ये आभूषण खानदानी है | करीब तीन पीढ़ियों से उनका परिवार इसे सहजते चला आ रहा है | इस दंपत्ति ने इस सोने को ठिकाने लगाने के लिए बैंक मैनेजर और वैल्यूअर को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया | फिर चारों ने बैंक को चूना लगाने की प्रक्रिया शुरू की | महाराष्ट्र के थाने डिस्ट्रिक्ट की को-ऑपरेटिव बैंक में 2 करोड़ का फर्जी गोल्ड लोन घोटाला सामने आने के बाद सनसनी है |
जांच में साफ़ हुआ कि इस घोटाले को पति-पत्नी ने बैंक मैनेजर और गोल्ड वैल्यूअर की मिलीभगत से अंजाम दिया था | मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब किसी शख्स ने बैंक के आला अफसरों को फर्जी आभूषण होने की सूचना दे दी | तब तक गोल्ड लोन लेने वाले फरार हो चुके थे | मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये कई प्रयास किये | लेकिन ये दंपत्ति उसके हाथ नहीं आए | हाल ही में पुलिस को सूचना मिली, कि आरोपी पति-पत्नी अपने गांव आ रहे हैं. सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी दंपत्ति को दबोच लिया |
पालघर जिले की मोखाडा पुलिस ने आरोपी हेमंत उदावंत और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है | उदावंत और उसकी पत्नी 2016 से फरार चल रहे थे | आरोप है कि दोनों ने 2016 में ठाणे डिस्ट्रिक्ट की को-ऑपरेटिव बैंक से दो करोड़ रुपये का फर्जी गोल्ड लोन लिया था | दरअसल इस बैंक में आरोपी दंपत्ति समेत उसके परिवार के अन्य सदस्यों, ड्राइवर, कर्मचारियों व रिश्तेदारों के नाम से कई खाते है | बताया गया कि बैंक मैनेजर और बैंक के गोल्ड वैल्यूअर के इस दंपत्ति के करीबी संबंध बन गए थे | नकली सोना गिरवी रखते वक्त करीब 5.6 किलो नकली सोने की ज्वैलरी का आंकलन गोल्ड वैल्यूअर ने उसे असली सोने के तौर पर सर्टिफाइड किया था | इसके बाद बैंक मैनेजर ने इस दंपत्ति का लोन मंजूर किया था |