News Today Cg: छत्तीसगढ़ में टुटेजा के कानूनी टोने-टोटके नहीं आए काम, अब ज्योतिष की सलाह पर लौट रहे घर,कई दिनों से नदारद अनिल टुटेजा का घर वापिसी अभियान सुर्ख़ियों में…

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रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ में अचानक अपने दफ्तरों से गायब हुए दोनों अधिकारी अनिल टुटेजा और AP त्रिपाठी दोनों घर वापिसी अभियान में जोर शोर से जुटे हुए हैं। बताते हैं कि दारु बेचते-बेचते पीएचडी डिग्री हासिल कर डॉक्टर बन बैठे दोनों पति-पत्नी डॉक्टर AP त्रिपाठी से ED ने पूछताछ के लिए कई ऐसे तथ्यों को सबूतों के साथ जुटाया है, जिससे शराब घोटाले के असली हितग्राही जल्द ही जनता के सामने आ सकते हैं।

बताया जा रहा है कि संदेही अफसरों को उनकी असल राह दिखाने के लिए ही ED ने मुख्य सचिव कार्यालय को दोनों ही अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा से रूबरू कराया था। सूत्र बता रहे हैं कि तीर सीधा निशाने पर लगा है, दारु विशेषज्ञ डॉक्टर साहब पत्नी सहित घर वापिसी अभियान में सहभागी बने हैं। बताते हैं कि एजेंसियां उनकी डॉक्टर पत्नी से भी पूछताछ कर सकती है।

बताया जा रहा है कि त्रिपाठी दंपत्ति उम्र के इस पड़ाव में भी चुटकी बजाकर शोधकार्य पूर्ण कर लेते हैं। ये दंपत्ति इतने अधिक होनहार हैं कि दिन रात घोटालों के हिसाब किताब करने के बावजूद हाथों हाथ शोध कार्य भी निपटा देते हैं। इस दंपत्ति को हालिया प्राप्त पीएचडी की डिग्री पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।

उधर खबर आ रही है कि पखवाड़े भर से नदारद सुपर सीएम अनिल टुटेजा नेकी की राह में है, मतलब जल्द अपनी सरकारी कुर्सी पर बैठे नजर आ सकते हैं, बताते हैं कि उनके भी घर वापिसी का खांका खींच गया है। शुक्रवार को कभी भी प्रगट होकर वे अपने नदारद होने की तमाम अटकलों पर भी विराम लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि नई फजीहत से बचने के लिए टुटेजा साहब ने ED से दो-दो हांथ करने की ठान ली है। अब वे जल्द ही घर लौटकर डंके की चोट पर अपना डंका बजाएंगे।

सूत्र बताते हैं कि गुमनामी के दौर में एक नामी गिरामी शख्स से हुई मेल मुलाकात के बाद टुटेजा साहब ने राहत की सांस ली है। फिलहाल ज्योतिष की सलाह चर्चा में है, साहब गिरफ्तारी की लटकती तलवार का मुकाबला तंत्र-मंत्र से करेंगे। सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि साहब के घर वापिसी अभियान में टोने टोटके भी सहायक सिद्ध नहीं हुए हैं। यहां तक की कानूनी दावपेंचों की हवा भी देखते-देखते निकल गई है, बताते हैं कि अब घर वापिसी के अलावा साहब के सामने और कोई रास्ता शेष नहीं बचा है। 

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद लोगो की निगाहे रायपुर सेंट्रल जेल की दहलीज पर टिकी हुई है, सौम्या को जेल या बेल, पर अदालत के फैसले का इंतजार हो रहा है। यह भी संयोग है कि एक ओर जेल से बाहर आने के लिए अदालत के फैसले पर अभियुक्त सौम्या चौरसिया की बेताबी की खबरे सामने आ रही है, वही दूसरी ओर सौम्या के साथ मेहमान नवाजी से बचने के लिए उनके हमजोली इधर से उधर हो रहे है। 

ED की पकड़ से बचने के लिए अनिल टुटेजा एंड कंपनी जमकर अपने हाथ पांव मार रही है, उनके क़ानूनी दांव पेंचो पर भी सौम्या चौरसिया की निगाह लगी हुई है। सूत्र बताते है कि टुटेजा एंड कंपनी के पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 का लेन देंन पकड़ा गया है, इसके चलते कई अधिकारियो की मुसीबत बढ़ गई है, सभी के हिसाब किताबो का ब्यौरा मिल जाने से ED के सामने झूठ बोलने में भी परेशानी उठानी पड़ रही है। सूत्र बताते है कि हालिया ED की पूछताछ में सेंट्रल जेल में कैद सौम्या चौरसिया ने टुटेजा के कई ठिकानो से ED को रूबरू कराया है। 

बताते है कि सालाना करीब 20  हजार करोड़ की अवैध उगाही को लेकर दोनों सुपर सीएम के बीच भ्रष्टाचार की जंग छिड़ी है। लूट की रकम के बटवारे को लेकर मची खींचतान से गैंगवार के हालात है, कभी ED की छापेमारी तो कभी गिरफ़्तारी के भय से गिरोह के फाउंडर मेम्बर अपने ठिकानो से पलायन कर रहे है,इससे सरकार के अनैतिक कारोबार पर रोक लगने की शुरुआत हुई है, खासतौर पर सौम्या के जेल की हवा खाने के बाद उसकी हिस्सेदारी वाले विभागों से होने वाली आवक मे भारी गिरावट देखी जा रही है। 

बताते है कि चौपट होते धंधे से बढ़ी सौम्या की बेचैनी से नए अपराधों का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है,जेल की हवा खाने से एक ओर जहाँ उसका जलवा दिनों दिन घट रहा है, वही अनिल टुटेजा के रुतबे और कारोबार में जबरदस्त उछाल देखी जा रही है। बताते है कि अवैध वसूली के टुटेजा नेटवर्क के कठिन परिस्थितयो में भी कारगर साबित होने से छत्तीसगढ़ शासन की मान प्रतिष्ठा पर सीधे आंच आ रही है। कभी मंत्रालय में छापेमारी हो रही है तो कभी केंद्रीय जांच एजेंसियां बेलगाम वरिष्ठ अधिकारियों की कारगुजारी का शिकार हो रही हैं। छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को अनुशासनहीन अधिकारियों की कार्य प्रणाली के चलते असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। 

सूत्र बताते है कि सौम्या के जेल जाने और टुटेजा के गायब हो जाने के बावजूद भी ED के गवाहों को प्रभावित किए जाने के जमीनी प्रयास जोरो पर है। कई जिलों के पुलिस अधीक्षक सत्ता के शीर्ष की सहायता के लिए सेवाओं के धंधे को अभी भी जारी रखना  मुनासिब समझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि  बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में सरकारी संरक्षण में कोयले का अवैध कारोबार अभी भी जारी है।

सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई और सूर्यकांत तिवारी द्वारा जाम की गई सरकारी मशीनरी अभी भी जस की तस है। शासन के नियमों की वैधानिक बहाली के कोई प्रयास अस्तित्व में नजर नहीं आ रहे हैं। अलबत्ता अनिल टुटेजा के निर्देशों की फ़रमानी के लिए महत्वपूर्ण प्रशासनिक कड़ी के रूप में केबल कारोबारी  गुरुचरण सिंह होरा का नाम सुर्ख़ियों में है। बताते हैं कि अनिल टुटेजा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद ही अपने ठिकानों से पलायन किया है।  

इन दिनों ED के गवाहों को प्रभावित करने के मामलों में गुरुचरण सिंह होरा चर्चा में है। बताते हैं कि केबल कारोबार में अनिल टुटेजा का अरबों का बेनामी निवेश है, इसके संचालन की जवाबदारी कई चर्चित कारोबारी उठा रहे हैं। बताया जाता है कि नान घोटाले, कोल खनन परिवहन और आबकारी घोटाले की रकम से कई होटलें भी खरीदी गई हैं। इन होटलों के कार्यकारी और असली निवेशकर्ताओं की भी चर्चा राजनैतिक गलियारों में हो रही है।

बताते हैं कि अनिल टुटेजा और A.P. त्रिपाठी एक ही वाहन में सवार होकर नौ दो ग्यारह हुए थे। लेकिन आखिरी वक्त दोनों की हवा उस समय निकल गई जब ED ने मंत्रालय में ही चीफ सेक्रेटरी कार्यालय को दोनों संदेहियों को समन तामिल कराने का फरमान भेज दिया। बताते हैं कि कुछ दिनों तक जंगल की हवा खाने के बाद त्रिपाठी तो राह में आ गया है, लेकिन उसके कई साथी अभी भी ED के दफ्तर से कोसों दूर हैं। हालांकि कारोबारियों को छोड़ अनिल टुटेजा वापिस अपनी राह पर आ गए हैं।

सूत्र बताते हैं कि अनिल टुटेजा की घर वापिसी सुनिश्चित हो गई है। ED का समन प्राप्त होने के बाद उन्होंने घर लौटने का फैसला ले लिया है। बताते हैं कि टुटेजा साहब का ह्रदय परिवर्तन होने की वजह उनकी अग्रिम जमानत कैंसिल करने की मांग वाली ED की नई याचिका से पैदा होने वाली मुसीबत बताई जा रही है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि शुक्रवार देर शाम तक अनिल टुटेजा रायपुर के मार्ग में दिखाई दे सकते हैं।

बताया तो यह भी जा रहा है कि आई बला को टालने के लिए वे रायपुर की एक चर्चित मजार में चादर पेश कर सकते हैं। इसके लिए शुक्रवार, जुम्मे के दिन नमाज के बाद का वक्त मुकर्रर किया गया है। टुटेजा एंड कंपनी से जुड़े सूत्र दावा कर रहे हैं कि सोमवार से टुटेजा साहब के कदम  सिर्फ ED से घर और घर से ED की ओर ही बढ़ सकते हैं, उनके मुताबिक़ इसी दिन तय होगा कि साहब बैंड बाजा बारात की अगुवाई करेंगे या नहीं। फिलहाल तो टुटेजा साहब के टोटके क्या असर दिखाएंगे यह तो वक्त ही बताएगा।