मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस में बवाल , दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया के बीच टसल , पार्टी के कई नेता दिग्विजय सिंह के अरमानों पर पानी फेरने में जुटे , विधायकों को एकमत करने के लिए आलाकमान का छूटा पसीना , कमलनाथ भी दिग्विजय सिंह से नाराज

0
10

भोपाल वेब डेस्क / मध्य प्रदेश में कांग्रेस में हंगामा बरपा है | राज्यसभा में किसे भेजा जाए इसको लेकर कांग्रेस में माथापच्ची और युद्ध छिड़ गया है | दरअसल दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया राज्यसभा में जाने के लिए बेताब नजर आ रहे है | कांग्रेस में दावेदार दो हैं और विधायकों की संख्या बल के आधार पर सिर्फ एक सदस्य के निर्वाचित होने के आसार है। लिहाजा कांग्रेस पार्टी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि प्राथमिकता सूची में किसे पहले स्थान पर रखा जाए। मामला पार्टी आलाकमान तक पहुंच गया है |

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटें प्रभात झा, दिग्विजय सिंह और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल खत्म होने पर रिक्त हुई हैं। इन सीटों के लिए 19 जून को मतदान होने वाला है। पूर्व में ही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया था | वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा था ।

राजनीतिक जानकार बताते है कि  “विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या के आधार पर राज्यसभा में एक सदस्य को निर्वाचित होने के लिए 52 सदस्यों का समर्थन जरूरी है, इस स्थिति में भाजपा के पास दो सदस्यों के लिए पयार्प्त मतदाता है, क्योंकि विधानसभा में उसके 107 सदस्य हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं इसलिए कांग्रेस को एक सीट मिलना तय है।” वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के मुताबिक मौजूदा समीकरण में बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ रही है | 

राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस के अंदर एक ऐसा धड़ा है जो दिग्विजय सिंह के स्थान पर फूल सिंह बरैया को राज्यसभा में भेजने की वकालत कर रहा है | उसकी दलील है कि ग्वालियर चंबल संभाग में फूल सिंह बरैया का काफी असर है | आगामी समय में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में इसका फायदा मिलेगा | दिग्विजय सिंह विरोधी गुट ने हाल ही में एक बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाईकमान को भेजा था | इस प्रस्ताव में बरैया को राज्यसभा उम्मीदवारी की प्राथमिकता देने की मांग करते हुए उनका नाम पहले स्थान पर रखने का सुझाव दिया गया था | बैठक में शामिल एक कांग्रेस नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि बरैया को राज्यसभा में भेजने पर ग्वालियर-चंबल अंचल में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी को अनुसूचित जाती का लाभ मिल सकता है, क्योंकि इस क्षेत्र में आरक्षित वर्ग के मतदाताओं की संख्या चुनावी नतीजों को प्रभावित करने वाली है।

उधर दिग्विजय सिंह का पत्ता साफ़ करने में जुटे शिवराज सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा चुटकी लेते हुए कहा कि “कांग्रेस उनकी बात तो मानेगी नहीं फिर भी बरैया ने लंबे समय तक संघर्ष किया है और उन्हें कांग्रेस को राज्यसभा में भेजना चाहिए।” उधर दिग्विजय समर्थक  पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का दावा है कि “कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार राज्यसभा का चुनाव जीतेंगे।”लेकिन उन्होंने खुलासा नहीं किया कि आखिर किस समीकरण से जीतेंगे ।

मध्यप्रदेश की विधानसभा में कुल विधायकों की सदस्य संख्या  230 है। इनमें से 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और दो विधायकों का निधन हुआ है। कुल मिलाकर 24 स्थान रिक्त हैं। वर्तमान में 206 विधायक हैं, इनमें भाजपा के 107 कांग्रेस के 92 इसके अलावा बसपा सपा और निर्दलीय के कुल सात विधायक हैं।