Earthquake in Uttarakhand: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से भी बड़ा भूकंप उत्तराखंड क्षेत्र में भी आने की आशंका है. हालांकि वैज्ञानिक अभी इसके समय के बारे में ठीक जानकारी नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन इसकी वार्निंग दे दी गयी है. यह भूकंप कभी भी आ सकता है. वैज्ञनिकों का कहना है कि इसकी तीव्रता तुर्की में आए भूकंप से भी ज्यादा हो सकती है. राज्य के जोशीमठ समेत कई इलाकों में हो रहे भू धंसाव का खतरा अभी कम भी नहीं हुआ है कि तबतक ऐसी चेतावनी चिंता बढ़ाने वाली है. बता दें कि पहाड़ी इलाकों में कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर एन पूर्णचंद्र राव ने यह वॉर्निंग जारी की है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी तुर्की जैसा भूकंप आ सकता है. उनकी इस वॉर्निंग ने लोगों की नींद उड़ा दी है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में जमीन के अंदर ज्यादा स्ट्रेस बन रहा है और इस तनाव को खत्म करने के लिए एक बड़ा भूकंप आ सकता है.
8 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप की आशंका?
हालांकि उन्होंने कहा कि इसके समय और तारीख के बारे में ठीक से नहीं बताया जा सकता. इससे होने वाला नुकसान कई कारणों पर निर्भर करेगा, क्योंकि अलग-अलग जगहों के भौगोलिक क्षेत्र अलग अलग होते हैं और नुकसान कई बातों पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले हिमालयन क्षेत्र में 8 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आ सकता है.
राव ने कहा कि हिमलयन क्षेत्र में हमने 80 सिस्मिक स्टेशन (भूकंप सूचक स्टेशन) स्थापित किए हैं, जो उत्तराखंड पर केंद्रित हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग इसपर नजर बनाए हुए हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है. यहां काफी समय से तनाव यानी स्ट्रेस इकट्ठा हो रहा है. क्षेत्र में हमारा जीपीएस नेटवर्क है और जमीन के अंदर होने वाले बदलावों का पता चल रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कभी भी बहुत अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है.
बता दें कि रिक्टर पैमाने पर 8 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप बहुत तेज माना जाता है. तुर्की में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 थी. तुर्की और सीरिया में रविवार को फिर से 6.4 तीव्रता का भूकंप आया. तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से बड़े पैमाने पर तबाही मची है और अबतक 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.