रायपुर। राज्य मनरेगा कार्यालय की ओर से मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत निजी भूमि में आजीविका संवर्धन के कार्यों से लाभान्वित 140 महिलाओं को सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ‘आइकॉनिक वीक (ICONIC Week)’ के रूप में मनाते हुए मनरेगा में महिला हितग्राहियों की लगातार बढ़ रही भागीदारी को रेखांकित कर हर जिले से पांच-पांच महिलाओं का सम्मान किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव कार्यक्रम में मणिपुर से ऑनलाइन शामिल हुए।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने सम्मान समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत निजी भूमि पर लिए जाने वाले आजीविका आधारित कार्य यथासम्भव महिलाओं के नाम से स्वीकृत किया जाना चाहिए। इससे परिवार की आर्थिक प्रगति में उनकी सशक्त भागीदारी दर्ज होगी। उन्होंने “गर्व से जीने की आजादी” की थीम पर आयोजित सम्मान समारोह में सात जिलों धमतरी, गरियाबंद, राजनांदगांव, कांकेर, कोण्डागांव, कबीरधाम और दंतेवाड़ा की महिला हितग्राहियों से मनरेगा से उनकी निजी भूमि पर बनी परिसम्पत्ति से हो रहे लाभ और आजीविका संवर्धन की जानकारी ली। उन्होंने इन महिलाओं के कार्यों की सराहना करते हुए हौसला अफजाई भी किया।
कार्यक्रम में मनरेगा से बकरी पालन के लिए शेड प्राप्त करने वाली कबीरधाम जिले की अहिल्या यादव, मछली पालन के लिए निजी भूमि में डबरी निर्माण से लाभान्वित गरियाबंद जिले की फुलेश्वरी बाई साहू और धमतरी की लता बाई और मुर्गी पालन शेड के निर्माण के बाद मुर्गी पालन करने वाली कांकेर जिले की पदमनी कुमेटी ने आजीविका के अपने नए साधनों और इनसे हो रही कमाई के बारे में बताया। मंत्री सिंहदेव ने इन महिलाओं से उनके द्वारा मुर्गी, बकरी और पशु शेड में किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेने के बाद उनसे चारा व्यवस्था, इलाज, दवाइयों और बाजार में मिल रही कीमत के बारे में भी पूछा। उन्होंने आगे और भी बेहतर कार्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
सम्मान समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विकास के उप सचिव एवं अपर आयुक्त मनरेगा अशोक चौबे, सभी जिला पंचायतों के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आज सम्मानित महिला हितग्राहियों के ग्राम पंचायत के सरपंच और मनरेगा की राज्य व मैदानी टीम के अधिकारी-कर्मचारी वर्चुअल रूप से मौजूद थे।